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हुए दिलों को जोड़ना, टूटे हुए भाइयों को फिर से गले लगाना सच्चा धर्म है और यही हमारे जीवन की सिखावन है।
आओ, आज हम बोलने की कला सीखेंगे। बोलने के तौर-तरीकों पर गौर करेंगे। जुबान है केवल ढाई इंच की, होंठ दो इंच के, काया साढ़े पाँच फुट की, पर आज की बात केन्द्रित होगी केवल ढाई इंच पर।
कुछ दिन पहले एक सज्जन मेरे पास आए। मैंने देखा कि आज वो गंजे दिखाई दे रहे थे, मैंने उनसे पूछा - भाई साहब! आप गंजे कैसे हो गए? आपके सिर पर तो बाल थे। उन्होंने थोड़ा-सा चेहरा ठीक किया और बोले - जुबान के कारण । मैंने कहा - मैंने आज तक यह कभी नहीं सुना कि कोई आदमी जुबान के कारण गंजा हो जाए। हार्मोन्स की कमी के कारण तो आदमी गंजा होता है, पर आप जुबान के कारण गंजे हो गए! बोले - साहब, इस जुबान के कारण ही गंजा हुआ।जबान चलती रही और सिर पर जूते पड़ते रहे।
मैंने देखा कि एक आदमी के हाथ की हड्डी टूट गई। मैंने पूछा – क्यों भाई ! क्या हुआ? हड्डी कैसे टूट गई? बोले - हँस पड़ा था। मैंने कहा - हँसना तो मैं भी सिखाता हूँ, पर आप कहते हैं कि हँस पड़ा था इसलिए हड्डी टूट गई। बोले - किसी पहलवान को देखकर हँस पड़ा था। मैंने कहा – फिर तो हड्डियाँ ही टूटेंगी, और क्या होगा?
चलो, ठीक करते हैं अपनी जुबान को। यह नरम तो है, पर मैं इसकी गर्मी को हटा रहा हूँ। अपनी जिंदगी में पलने वाली गरमाहट में से 'ग' को कट मारिये और नरमाहट के 'न' को लाकर जोड़ दीजिए। 'न' का मतलब नम्रता है। गर्मी का 'ग' हटे और नर्मी का 'न' आ जाए तो जिंदगी में जीने और बोलने की दोनों कला अपने आप आ जाया करती है। ___ हाथ की खूबसूरती किससे है? महिलाएँ हाथ की खूबसूरती के लिए सोने की चूड़ियाँ पहनती हैं और पुरुष सोने का ब्रासलेट पहनते हैं। हाथ की खूबसूरती सोने के कंगन और सोने के ब्रासलेट से होती है। गले की खूबसूरती हीरे के हार
और सोने की चैन से होती है, पर इंसान की खूबसूरती इंसान की मीठी और मधुर जुबान से होती है। हो सकता है किसी के पास पहनने को सोना और हीरा न हो, जैसे मेरे पास नहीं है, न हीरे हैं, न सोना है, पर जो चीज़ मेरे पास है चाहता हूँ ये सारी दुनियाँ वैसी हो जाए और बोलना सीख जाए तो इंसान को सोना-चाँदी
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