________________
बोलता है भाभी को काणी, तो पीने को मिलेगा पाणी। मैंने भाभी जी से कहा - भाभी जी! इच्छा हो रही है मैं भी थोड़ी छाछ पी लूँ। मैंने भाभी से कहा - भाभीजी आप सचमुच बहुत अच्छी हैं, आपको देख लेता हूँ तो मुझे दिन भर माल खाने को मिलते हैं। वो अन्दर गई, फ्रीज खोला, अन्दर से दही का तपेला निकाला। मस्ती से घोटा, चीनी डाली, गुलाबजल डाला, थोडी-सी केशर डाली और मस्त-मस्त लस्सी लेकर आ गई पिलाने के लिए। वो देवर फिर भड़का - अरे मुझे पिलाती है छाछ का पाणी और इसे पिलाती है दही की लस्सी। मैंने कहा भाई, बुरा मत मान। तू कहेगा भाभी को अच्छी, तो पीने को मिलेगी लस्सी। अगर कहेगा काणी, तो पीने को मिलेगा छाछ का पाणी। अब यह अपन पर निर्भर करता है कि अपन लस्सी पीना चाहते हैं कि छाछ का पानी। मिठास से बोलोगे तभी तो मिठास लौटकर आएगी।
मीठो-मीठो बोल थारो काँई लागे, काँई लागे जी थारो काँई लागे। संसार कोई रो घर नहीं, कद निकलै प्राण खबर नहीं।
मीठो-मीठो बोल थारो काँई लागे, काँई लागे जी थारो काँई लागे। आनंद हमारी जाति, उत्सव हमारा गोत्र । हमारी जाति शर्मा नहीं, गुप्ता, बाफना नहीं। हमारी जाति हो आनंद-उत्सव। जीवन में पल-पल उत्सव । एन्जॉय एवरी मोमेन्ट । हमारा केवल एक ही गोत्र हो आनन्दम्।आनन्दम्।आनन्दम्।
चार दिनां रो जीणो है संसार, थारी मारी छोड़ कराँ सब प्यार। हिल-मिल रेवो, हँस-खिल जीवो। संसार कोई रो घर नहीं, कद निकलै प्राण खबर नहीं।
मीठो-मीठो बोल थारो काँई लागे, काँई लागे जी थारो काँई लागे। बच्चो! आज से अगर मम्मी थोड़ा-सा गुस्सा कर दे, तो अन्य कुछ मत कहना। मेरे भाइयो! अगर आपकी पत्नी थोड़ा टेढ़ा बोल दे तो बुरा मत मानना। ए मेरी बहिनो! अगर आपके पतिदेव थोड़ा-सा भी खार खाने लगे तो और कुछ मत कहना। केवल एक काम करना और यह एक लाईन वहीं बैठे-बैठे गाना शुरू कर देना
मीठो-मीठो बोल थारो काँई लागे, काँई लागे जी थारो काँई लागे।
| 101
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org