Book Title: Kaise Khole Kismat ke Tale
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 125
________________ पहना हुआ हो, काटने लगता है तो आप उसको कितनी देर तक पहन कर चलते हैं? जल्दी से खोलते हैं कि नहीं? अगर कपड़ा पुराना हो गया है तो आप कितनी देर लगाते हैं उसको हटाने में? ऐसे ही आँख खुलते ही बिस्तर और तकिये को उठाकर एक तरफ रख दीजिए। फुर्ती से उठिए, क्योंकि फुर्ती से उठना आत्मविश्वास जगाने का पहला मंत्र है। अगर आपको लगता है कि आपका बच्चा फुर्ती से नहीं उठता, तो एक लोटा पानी पास में रखो और डाल दो, वह एक ही दिन में सुधर जाएगा, बिस्तर गीला होगा कोई बात नहीं, वैसे भी बचपन में उसने कई बार बिस्तर गीला किया होगा। एक बार और सही । घर में और बिस्तर हैं, लगा देंगे, पर बच्चा तो सुधर जाएगा न् ! फुर्ती से उठो, सुस्त मत रहो । पता है सर्दी में महिलाएँ नहाती हैं दो बजे तक और पुरुष नहाते हैं 9-10 बजे तक । गर्म पानी नहीं हो तब तक नहाते ही नहीं । अरे भाई ! दो लोटे पानी न गिराओ, तभी तक सर्दी रहती है, जैसे ही बदन पर दो लोटे पानी गिरता है, सर्दी भाग जाती है । जब तक गर्म पानी से नहाते रहोगे तब तक सुस्त, सुस्त, सुस्त रहोगे, और जैसे ही ठंडा पानी गिराओगे चुस्त, चुस्त, चुस्त हो जाओगे। सुबह उठो, फ्रेश होओ और नहा लो, नहाते ही फुर्ती आ गई। फुर्ती से उठो, फुर्ती से बैठो, फुर्ती से सभी काम करो । काम करो या न करो, कम से कम सुबह तो फुर्ती से उठ ही जाओ। रात को सोते ही जिसको प्यार की नींद आ जाए और सुबह सूरज उगने से पहले ही जिसकी नींद खुल जाए वह इंसान के रूप में भी कोई देवता ही होता है । बुद्धिमान, धनवान और तंदुरुस्त रहने का पहला मंत्र है : रात को जल्दी सोओ, सुबह जल्दी जागो। लोग मुझसे पूछते हैं कि आपको रात को नींद तो बराबर आई ? अरे भाई ! टेंशन नहीं है, चिंता नहीं, भय नहीं, फिर नींद बराबर क्यों नीं आयेगी ! चिंता तुम्हें है कि कल रोटी क्या बनानी है, हमें किस की चिंता ? मस्त रहो, अपने को कोई चिंता नहीं है, कोई दायित्व नहीं । मस्त रहना, अनांदित रहना - केवल एक ही काम है अपना । सो हर हाल में मस्त रहो । मस्त रहो मस्ती में आग लगे बस्ती में । जो होना होगा सो होगा। सुबह पहला काम : फुर्ती से उठो । T दूसरा काम सुबह 15-20 मिनट टहलने चले जाओ पूरी गति के साथ । धीमे-धीमे मत चलिएगा। पूरी गति के साथ बीस मिनट टहल कर आ जाइएगा या अपने घर की छत पर चले जाइएगा। दस मिनट तक योगासन और दस मिनट तक प्राणायाम कर लीजिएगा । आत्म-विश्वास जगाने के लिए, सोई हुई ऊर्जा और चेतना को फिर से सक्रिय करने के लिए प्राणायाम रामबाण दवा का काम करता 126 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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