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फोटोग्राफर के पास जब भी कोई नई दम्पति जाती है फोटो खिंचाने के लिए तो फोटोग्राफर लड़के को या लड़की को यह कहना भूलता नहीं है कि थोड़ा मुस्कुरा लीजिए, ( क्योंकि हो सकता है दुबारा मुस्कराने का मौका न मिले।) स्माईल प्लीज़। वह नहीं चाहता कि आपका फोटो किसी भार ढोने वाले जैसा आए। वह चाहता है कि आपका फोटो देवलोक में रहने वाले किसी देवता जैसा आए क्योंकि यदि आप मुस्कुरायेंगे तो फोटो सुन्दर बनेगा और फोटो सुन्दर बनेगा तो अपने घर पर भी तस्वीर बना कर टांगेंगे और कुँवारे हैं तो किसी को पसन्द करने के लिए भी भेजेंगे। भला, जब दो पल मुस्कुराते हैं तो आपका फोटो सुन्दर आता है, यदि आप हमेशा मुस्कुराने की आदत डाल लें तो क्या जीवन खूबसूरत नहीं हो जाएगा? कृपया बोलने से पहले अपनी मुख मुद्रा ठीक कर लें; और मुख मुद्रा ठीक करने का तरीका है चेहरा गुलाब की तरह खिल जाना चाहिए।
दुनिया में दो तरह के फूल होते हैं - एक तो होता है अप्रेल फूल और दूसरा होता है गुलाब का फूल। समझ लो चन्द्रप्रभु जैसा फूल । अप्रेल फूल दूसरों को बनाया जाता है, गुलाब का फूल स्वयं को बनाया जाता है। जुबान दूसरों से संबंध बनाती है, पर मुस्कान साथ में हो, तो संबंधों में एक्स्ट्रा मिठास घुल जाती है। इसलिए रिश्तों में मिठास के लिए, वाणी की मधुरता के लिए, मानसिकता को पॉजिटिव बनाने के लिए, प्रभावी व्यक्तित्व के लिए अपने आप को गुलाब के फूल की तरह खिला लीजिए।
दूसरी बात : जिनसे आप संवाद करना चाहते हैं पहले उनका अभिवादन कर लीजिए, प्रणाम, जय-जिनेन्द्र या जय श्री कृष्णा कर लीजिए, क्योंकि अभिवादन किसी से भी संबंध जोड़ने का, संबंध बनाने का सबसे सरल और सबसे प्रभावी साधन है। अभिवादन करेंगे तो आपका इम्प्रेशन पड़ेगा। अभिवादन से आप प्रभावी और आकर्षक हो जायेंगे। पहला प्रभाव यह पड़ेगा कि यह व्यक्ति बड़ा शिष्ट, शालीन और सभ्य है। जैसे ही आप हाथ जोड़ेंगे सामने वाला भी हाथ जोड़ लेगा। और तो और, यदि आप अपने ऑफिस में अपने स्टाफ को भी बुलाएँ, तो सीधा ऑर्डर झाड़ने की बजाय, उससे भी पहले नमस्ते कह दीजिए। आप सात दिन करके तो देखिए। इस छोटे से सद्गुण से आपका क्रोध चला जाएगा। आपकी भाषा शालीन और नियंत्रित हो जाएगी। सामने वाले के दिल में आपकी आदर्श और आदरमूलक छवि बनेगी।
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