Book Title: Kaise Khole Kismat ke Tale
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 101
________________ मिठास से बोलिए। इसमें आपके घर का कुछ नहीं लगता, फिर भी सारे रिश्तों में मिठास घुल जाएगी। अवगुण छोड़ो गुण री करलाँ बात, जीवन में हो आनन्द री बरसात। मिठास रो, एहसास लो। संसार कोई रो घर नहीं, कद निकलै प्राण खबर नहीं। मीठो-मीठो बोल थारो काँई लागे, काँई लागे जी थारो काँई लागे। जिण घर में सब हिल-मिल ने रेवे, उण घर प्रभुजी मोत्यां बरसावे। सब प्रेम रो, प्यालो पीवो ( गीत के बोल सुनकर सैकड़ों लोग झूमने-नाचने लग गए हैं।) मीठो-मीठो बोल थारो काँई लागे, काँई लागे जी थारो काँई लागे। मात-पिता ने जाणो थै भगवान, उण री सेवा है प्रभु रो सम्मान। सेवा करो, आशीष लो। संसार कोई रो घर नहीं, कद निकलै प्राण खबर नहीं। मीठो-मीठो बोल थारो काँई लागे, काँई लागे जी थारो काँई लागे। सेवन स्टेप्स में सीखिए बोलने की कला । अब यहाँ से अपनी जुबान को ठीक करते हैं, हजामत करते हैं। किसी नाई की दुकान पर नहीं, इंजीनियरिंग की दुकान पर नहीं। इस दशहरा मैदान में अपनी-अपनी जुबान को ठीक करते हैं । बोलने की कला के सेवन स्टेप्स लें उससे पहले दो बातें निवेदन करूँगा। पहली बात: बोलिए बाद में, सबसे पहले अपनी मुख मुद्रा को ठीक कर लीजिए। चेहरा थोड़ा मायूस है तो पहले उसे ठीक से कर लीजिए। चेहरे को ठीक करने के लिए जो सबसे बेहतरीन तरीका है वह है मीठी मधुर मुस्कान। किसी लड़की से पूछे कि तुम्हारी सगाई हो गई तो शर्म के मारे होंठ गुलाबी हो जाते हैं। ऐसे ही जब आप मुस्कुराते हैं तो मुस्कुराते ही आपके होंठ गुलाबी हो जाते हैं और दिमाग की स्थिति पॉजिटिव हो जाती है। इसीलिए तो फोटोग्राफर के पास फोटो खिंचाने जाओ तो सबसे पहले वह बोलता है - स्माइल प्लीज़ ! ताकि आपका फोटो सुन्दर आए। 102|| Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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