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है इसलिए अंतिम चरण तक हमारा साथ निभाती है। बोलो, हमेशा प्रेम से बोलो, अदब से बोलो, मर्यादा से बोलो, आत्म-विश्वास और श्रेष्ठ बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए बोलो। आपकी बोली आपकी पहचान है। आपकी लोकप्रियता की आत्मा है । बोलो ऐसे जैसे पानी में शरबत घुले, दूध में मिश्री डले।
अपनी ओर से प्रेमपूर्वक इतना ही निवेदन है । नमस्कार!
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