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आधी समस्या तो खुद-ब-खुद हल हो जाए।
सकारात्मक सोच रखेंगे तो आपका दिमाग़ आपके नियंत्रण में रहेगा, आप मन और वाणी से शांत और प्रफुल्लित रहेंगे। आप जो कुछ कहेंगे उस बात में दम होगा। जैसे ही घर में विपरीत हालात बने बस एक निर्णय कर लीजिए, एक संकल्प कर लीजिए 'पॉजिटिव थिंकिंग'। हर हालत में पॉजिटिव थिंकिंग। अब यदि विपरीत हालात बन रहे हैं, पर वे विपरीत हालात आप पर किसी तरह का असर न डाल पाएँगे। आप पहले भी शांत-स्वस्थ-शीतल थे, बाद में भी वैसे ही बने रहेंगे। यही तो जीवन की जीत है। यही तो आत्म-विजय है, यही सफलता की पहली सीढी है। सफलता की सीढी यह कि विपरीत हालात में भी आप शांत रहें, धैर्यशाली रहें। विपरीत क्षणों में धैर्य रखना यही सकारात्मक सोच है और यही जीवन की जीत।
ज़रा सोचकर बताओ कि अगर कोई व्यक्ति सागर में अंगारा फेंकेगा तो क्या होगा? क्या आग लग जाएगी? नहीं, अंगारा बुझ जायेगा। अब तक अगर आग सुलगती रही तो इसलिये कि हमने अपने आप को सागर और सरोवर न बनाया, अपने आपको हमने पेट्रोल और डीजल की टंकी बनाकर रखा, तो परिणाम यह हुआ कि छोटी-सी बात हुई और घर में हंगामा हो गया। सास-बहू में अनबन हो गई, दो में से एक व्यक्ति अगर चन्द्रप्रभ सागर हो जाये तो सामने वाला अगर अंगारा फेकेगा तो अंगारा बुझ जायेगा और हम अगर अपने-आपको डीजल की टंकी, पेट्रोल की टंकी बनाकर रखेंगे तो छोटा-सा निमित्त, एक छोटी-सी टिप्पणी हमारा घर, हमारा परिवार, हमारे रिश्तों को धूल - धूसरित कर देगी। अरे भाई, झगडा मोल मत लो। इस दुनिया में पता नहीं, कब किस गधे को भी बाप बनाना पड़ जाए। नफरतों के उतारो छिलके, नहीं तो गिर पड़ोगे फिसल के। आदमी के भीतर ताक़त चाहिये और वह ताक़त सकारात्मक सोच की होनी चाहिए। विपरीत हालात में मात्र 10 मिनट के लिए भी सकारात्मक सोच को अपनाओगे तो भी सफल होओगे, आधे घंटे तक के लिए अपनाओगे तो बाज़ी जीत जाओगे।
सोच को जो जितना सकारात्मक बनाएगा, वह उतना ही प्रतिशत सफल होगा। शत-प्रतिशत सफलता पाने के लिए हमें 200% सकारात्मकता अपनानी चाहिए। जीवन में सकारात्मक सोच का मंत्र अपनाओ। सकारात्मक सोच व्यक्ति को राम बनाती है और नकारात्मक सोच इंसान को रावण। सकारात्मक सोच
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