Book Title: Kaise Khole Kismat ke Tale
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 72
________________ के लिए करना - धरना कुछ नहीं है, केवल अपनी मानसिकता को तैयार करना है, केवल अपने एटीट्यूट को, केवल अपने दृष्टिकोण को तैयार करना होगा और यही एकमात्र दृष्टिकोण ऐसा होगा जो हर हालात में, हर परिस्थिति में, हर वातावरण में, हर मौसम में आपको सुखी रखेगा, मधुर रखेगा, आनंदपूर्ण रखेगा। सकारात्मक दृष्टिकोण हर विपरीत हालात में भी विजय प्राप्त करने का रास्ता आपको अपने-आप सुझा देगा । एक बार 1 से 9 तक के अंक क्रमश: खड़े थे। किसी बात को लेकर 9 के मन में ईगो पैदा हो गया। उसने आव देखा न ताव, 8 के गाल पर थप्पड़ दे मारा। 8 को बुरा लगा। वह अपने बड़े भाई 9 को तो मार न पाया सो अपना गुस्सा उसने 7 पर निकाला। उसने 7 के गाल पर चाँटा जड़ दिया। 7 ने अपना गुस्सा 6 पर निकाला, 6 ने 5 पर, 5 ने 4 पर, 4 ने 3 पर, 3 ने 2 पर और 2 ने 1 पर अपना गुस्सा निकाला । 1 के गाल पर जैसे ही चाँटा पड़ा वह चकरा गया। उसके बगल में 0 था । उसने गुस्सा करने की बजाय थोड़ा-सा सकारात्मक चिंतन किया कि अगर मैंने 0 के चाँटा मारा तो मेरी भी वही हालत होगी जो बाकी सब अंकों की हुई । 1 ने थोड़ासा धीरज रखा। वह 0 के पास गया और उससे हाथ मिलाते हुए उसके पास जाकर खड़ा हो गया। सबका घमंड़ चूर हो गया । सब नीचे जमीन पर लुढ़के थे । क्योंकि सामने 1 और 0 मिलकर 10 का अंक खड़ा था । सकारात्मक सोच का मंत्र हमें सिखाता है कि हम भी आपस में मिलें। न तो अकेले 1 की क़ीमत है और न ही अकेले 0 की । क़ीमत है तो 10 की। सोच अगर सकारात्मक है तो बंद रास्तों में भी सूरज की रोशनी आने के लिए द्वार खुला रहता है । कहते हैं कि अगर इंसान की क़िस्मत फूट जाए तो उसके जीवन के निन्यानवें द्वार बन्द हो जाते हैं, पर एक द्वार ईश्वर फिर भी उसके लिए खुला रखता है । मैं कह देना चाहता हूँ कि हमारी ज़िंदगी के निन्यानवें द्वार अगर बन्द भी हो जाएँ, काका भी रूठ जाए, दादा भी रूठ जाए, घरवाली भी नाराज़ हो जाए, बेटे भी छोड़ कर चले जाएँ, तब भी अपनी जिंदगी में एक दरवाज़ा हमेशा खुला रखो और वह है सकारात्मक सोच का दरवाज़ा। अपनी सोच का यह दरवाज़ा हमेशा खुला रखिए। अगर यह एक द्वार खुला है तो समझो जीवन के शेष 99 द्वार खुले ही हैं । सकारात्मक सोच जीवन की 99 प्रतिशत समस्याओं का समाधान निकालने में एक अकेली समर्थ है। जो व्यक्ति जितना ज़्यादा सकारात्मक सोच का मालिक बनेगा वह उतना ही स्वस्थ- सफल होगा, मधुर रहेगा, आनंदपूर्ण होगा। Jain Education International For Personal & Private Use Only 73 www.jainelibrary.org

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