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जिंदगी
जीवन मूल्यवान है। मेरे लिए मेरा जीवन मूल्यवान है और आपके लिए आपका जीवन । हर व्यक्ति के जीवन का मूल्य है, इसीलिए जीवन की सार्थकता का पाठ पढ़ रहे हैं। हम में से जो व्यक्ति जीवन का मूल्य समझ लेगा, वह हर कोई व्यक्ति जीवन के प्रत्येक दिन और प्रत्येक पल का सार्थक उपयोग करेगा।
जीवन मरने के लिए नहीं है। मृत्यु मज़बूरी का नाम है। जीवन जीने के लिए है। जीवन प्रभु के घर से मिला उपहार है, प्रसाद है। जिन्हें जीने की कला आ जाती है, उनके लिए हर सुबह ईद का त्यौहार है, हर दोपहर होली का पर्व है और हर रात दिवाली का आनन्द है । प्रश्न है : क्या हम अपने जीवन से संतुष्ट हैं? क्या हर जीवन में आनन्द-दशा और उत्सव-दशा है। क्या आपको लगता है कि उत्सव हमारी जाति है और आनन्द हमारा गौत्र? सोचो, हम अपने जीवन के मूल्यों को कितना प्रतिशत हासिल कर पाए हैं? अथवा हम और कितना हासिल कर सकते हैं?
कहते हैं : एक गुरुकुल के कुलपति ने बुढ़ापा सामने आता हुआ देखकर अपने शिष्यों के सम्मुख यह घोषणा की कि अब वे अपने जीवन को आत्मकल्याण और प्रभु के दिव्य प्रेम में समर्पित करेंगे। गुरु ने अपनी ओर से
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