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एक सज्जन मेरे पास आए, गुलाब का गुलदस्ता साथ लेकर। उन्होंने उसे मुझे भेंट चढ़ाया और पूछने लगे – गुरुदेव! मुझे अपना जीवन किस तरीके से जीना चाहिए, ताकि मेरे टेलेंट का सही उपयोग हो सके। मैंने कहा - मैं आपसे जीवन की बात तो बाद में करूँगा, उससे पहले आपसे एक सवाल करूँगा - आप गुलाब के फूलों का जो गुलदस्ता मेरे सामने लेकर आए हैं ज़रा मुझे बताइए कि इस समय खुशबू किसकी आ रही है? जी, गुलाब के फूल की। मैंने कहा – मान लो आप यही गुलदस्ता, यही गुलाब के फूल ले जाकर किसी मंदिर में चढ़ा देंगे, तब ख़ुशबू किसकी आएगी? जी, गुलाब के फूल की। मैंने कहा - चलो मान लो यही फूल आप किसी अर्थी पर चढ़ा दें, कब्रिस्तान या श्मशान में लेकर जाकर चढ़ा दें वहाँ ख़ुशबू किसकी आएगी? जी, गुलाब के फूल की। मैंने कहा - मानो आप घर जा रहे हैं और घर जाकर आपने यह गुलदस्ता फ्रीज में रख दिया वहाँ खुशबू किसकी आएगी? जी गुलाब के फूल की। मैंने कहा - मानो मैंने आपसे कहा कि इस गुलाब के गुलदस्ते को ले जाकर अकुड़ी में फेंक आओ और तुम फेंक भी आए, पर वहाँ ख़ुशबू किसकी आएगी? उसने कहा, जी, वही गुलाब के फूल की। मैंने कहा – जीवन का केवल इतना-सा पाठ सीखना है कि जैसे गुलाब का गुलदस्ता, गुलाब का फूल अगर कहीं ले जाकर रख दिया जाए, अनुकूल या प्रतिकूल चाहे जैसी परिस्थिति होने पर भी ख़ुशबू गुलाब के फूल की ही आएगी, ऐसे ही अगर हम लोग अपने-आप को गुलाब का फूल बना लें, तो चाहे चित गिरें या पुट, हम तो गुलाब के फूल की तरह महकते रहेंगे। अपने-आप को गुलाब का फूल बना लें यही जीवन जीने की कला है। ___ जीने के लिए अपने टेलेंट का, अपनी प्रतिभा का उपयोग करें। इंसान की प्रतिभा ही इंसान की सबसे बडी दौलत है: इंसान की प्रतिभा ही इंसान के व्यक्तित्व का मूल आधार है। इंसान की प्रतिभा ही उसके केरियर को बनाती है, समाज और राष्ट्र का निर्माण करती है। जब तक इस देश के पास प्रतिभा रहेगी, यह देश हमेशा बुलंदियों को छूता रहेगा और जिस दिन हमने अपनी प्रतिभा को गिरवी रखना शुरू कर दिया, उसी दिन से हमारा देश चार क़दम पीछे चला जाएगा। यहाँ केवल प्रतिभा की ताक़त काम आती है। हज़ारों साल पहले भी टेलेंट पूजा जाता था, आज भी पूजा जाता है और भविष्य में भी पूजा जाएगा। राजा तभी तक पूछा जाता है, जब तक वह अपनी सीमा में रहता है, एक धनवान व्यक्ति की इज़्ज़त तभी तक होती है, जब तक उसके पास धन की पोटली है, लेकिन
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