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आचारांग-सूची
४४ श्रु०२, अ०३, उ०३ सू०१३० दिखाने से मृगादि प्राणियों को होने वाला भय गुरूदेव के साथ विवेक पूर्वक चलने का विधान आचार्य-उपाध्याय के हस्त आदि अवयवों से स्पर्श करते हुए चलने का निषेध आचार्य उपाध्याय--पथिकों के प्रश्नों का उत्तर दे रहें हो, उस समय बीच में बोलने का निषेध ज्ञानवृद्धों के हस्तादि अवयवों से स्पर्श करते हुए चलने का
निषेध घ . ज्ञानवृद्ध-पथिकों के प्रश्नों का उत्तर देरहे हों उस समय
बीचमें बोलने का निषेध १२६ क भिक्षु अथवा भिक्षुणी से कुछ पथिक-मनुष्य, पशु आदि के
सम्बन्ध में पूछे तो उत्तर देने का निषेध भिक्षु अथवा भिक्षुणी से कुछ पथिक जलज कंद आदि के सम्बन्ध में पूछे तो उत्तर देने का निषेध भिक्षु अथवा भिक्षुणी से कुछ पथिक धान्य की गाड़ियों के सम्बन्ध में पूछे तो उत्तर देने का निषेध छावनी आदि के सम्बन्ध में पूछे तो उत्तर देने का निषेध भिक्षु अथवा भिक्षुणी से कुछ पथिक “ग्राम कितनी दूर है" ऐसा पूछे तो उत्तर देने का निषेध भिक्षु अथवा भिक्षुणी से कुछ पथिक "अमुक गांव का मार्ग
कितनी दूर है" ऐसा पूछे तो उत्तर देने का निषेध १३० क उन्मत्त सांड आदि जिस मार्ग में हो उससे जाने
की विधि जिस अटवी में चोरों का उपद्रव हो, उस अटवी से पार होने की विधि
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