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प्रथम मजिसछेद : जैनकुमारसम्भव महाकाव्य का महाकाव्यत्व
संदर्भ
'नहि मनुष्यात् श्रेष्ठतरं हि किन्चित्-शान्ति पर्व (महाभारत), १८०/१२।।
२.
महाकवि कालिदास- कः ईप्सितार्थास्थिरा निश्चलमनः पयस्व निम्नाभिमुखंप्रतीपयेत्- कु० सं०
क्लेशः फलेन हि पुनर्नवतां विधत्ते। कु० सं०-५/८६
शुवयः-४०/८
श्रीमद् भा०
अ० को०- १/३/२५
वाल्मीकि-'रामायण- प्रत्येक सर्ग की पुस्तिका में।
महाभारत-अनु० प०-१/६१
अ० तू० का० का०-सम्पादक डॉ० नगेन्द्र
होरेस- Who has junius the divin minds, and the tongue skilled to resound mighty has honour
with name of poet, 'सेलयर' नामक कृति से।
अरस्तु का काव्यशास्त्र, पृ०२६
१२.
होरेस- Art of Poetry
१३.
रोम्सपीयर- "A Mind summery might dreem"
वर्ड्सवर्थ- Prefacee of tyncal
मिल्टन- Eassy on education
कालरिज- Puoted by shipley Inquest for literature-२४
७.
The study of poetry, in Easiays in enti Cism' Second senes
१८.
हेमचन्द्र- 'काव्यानुशासन'
४८