Book Title: Jain Kumar sambhava ka Adhyayan Author(s): Shyam Bahadur Dixit Publisher: Ilahabad University View full book textPage 287
________________ अष्टम् अहिद : जैनकुमारसम्भव एक प्रेरणा श्रोत में उनके पुत्र भरत की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कवि पुण्य कुशल ने कवित्वपूर्ण ढंग से किया है। दोनों ही महाकाव्यों (कुमारसम्भव एवं जैन कुमारसम्भव) की तरह इस महाकाव्य का आरम्भ वस्तु निर्देशात्मक मंगलाचरण से हुआ है। २७०Page Navigation
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