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द्वितीय परिच्छेद : जैनकुमारसम्भवकार की जीवन वृत्त, कृतियाँ तथा 24
जैन काव्य साहित्य की तत्कालीन परिस्थितियाँ एवं प्रेरणाएं,
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संदर्भ :
१.
जैनकुमार सम्भव- जयशेखर सूरि- प्रस्तावना, पृ० ८
धम्मिल्ल कुमार, प्रशस्ति-६-११
जैन संस्कृत महाकाव्य, डॉ. सत्यव्रत, पृ० २२
जैन कुमार सम्भव- जयशेखर सूरि- प्रस्तावना, पृ० ९-१०
प्रबोधचिन्ताबिरद्भुतस्तथोपदेश चिन्तामणिरर्थपेशलः।
व्याधायि येजेनकुमारसम्भवाभिधानतः सूचितसुधासरोवरम्।। -धम्मिल कुमार चरित प्रशस्ति।।
विमलसूरि कृत पउमचरियं (५३० वि०सं०) तथा संघदास, धर्मदासगणिकृत बसुदेव हिन्दी (छठी
शताब्दी पूर्व)
डॉ० दशरथ शर्मा अली चौहान डाइनेस्टी, पृ०- २२७-२२८
जैन साहित्य का इतिहास भाग-६, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, बनारस उ०प्र०
प्रभावक चरित- हेमचन्द्राचार्य चरितम्
जैनसाहित्य का इतिहास भाग-६ पार्श्वनाथ विद्यापीठ, बनारस उ०प्र०
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जैन शिलालेख संग्रह, तृतीय भाग की प्रस्तावना (मा०दि००ग्र०) मुम्बई १९५७ ।
The Jainas in the history of Indian Literature by Dr winter nitz Edited by jainvijaya
muni, Ahmadabad 1946, Paze-4
१२.
संस्कृत कवि दर्शन आमुख, पृ०-१९
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