Book Title: Jain Kumar sambhava ka Adhyayan
Author(s): Shyam Bahadur Dixit
Publisher: Ilahabad University

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Page 275
________________ सप्तम् परिच्छेद्र : श्री जयशेरवरसूरि कृत जैनकुमारसम्भव एवं महाकवि कालिदास कृत कुमारसम्भव का तुलनात्मक अध्ययन " अछामा सन्दर्भ : १. वस्तु च द्विधा - तत्राधिकारिकं मुख्यमंग प्रासंगिकं विदुः दशः-१/११ अधिकारः फलस्वाम्यधिकारी च तत्प्रभुः। तन्निवृत्तयभिव्यापि वृतं स्याधिकारिकम्।। -दशरूपक-१/१२ साहित्यदर्पण-६/४२-४४ कुमारसम्भव- १/२१, ७/८३, १०/६० वही, ३/७२, ४/१-४६, ५/३०-७३ जै० कु. सं०-६/७४ वही, ३/९ वही, १/७३ वही, ११/११ वही, ६/७४ कुमारसम्भव- १/९ वही, ३/३६ वही, २/५८ वही, २/२ १६. वही, १/१२ १७. वही, ३/६७ २५९

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