Book Title: Jain Dharm aur Jina Pratima Pujan Rahasya
Author(s): Hiralal Duggad
Publisher: Jain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi
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महावीर की जीवित स्वामी प्रतिमा
सिर पर जटाजूट केशों सहित
__ श्री ऋषभदेब
पाँच हजार वर्ष पुरानी जिनप्रतिपा मोहन-जो-दड़ो के उत्खनन से प्राप्त महत्वपूर्ण मुद्रा में चार मुष्टि लोच, सिर पर जटा-जूट-केश, नग्न ऋषभदेव ध्यानमुद्रा में । सिर पर त्रिशूल रत्नत्रय के चिन्ह, अशोक वृक्ष भक्तों को फलदाता प्रतीक । करबद्ध भरत चक्रवर्ती नमस्कार करते हुए। उनके
पीछे ऋषभदेव का चिन्ह बैल, नीचे की पंक्ति में महावीर जीवितस्वाभी प्रतिमा अन्य सहयोगी जैन मुनि श्रेणी बद्ध खड़े हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only
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