Book Title: Jaganmohanlal Pandita Sadhuwad Granth
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Jaganmohanlal Shastri Sadhuwad Samiti Jabalpur
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उपाध्याय श्री अमर मुनि
वीरायतन, राजगिर (बिहार)
श्री चारुकीर्ति भट्टारक स्वामी जी
जैन मठ, श्रवणबेलगोला, कर्नाटक, ५७३, १३५
पण्डित जी यथानाम तथागुण हैं । उनके अध्ययन, अध्यापन एवं लेखन में मौलिकता है । जटिल विषय की सरल, सुबोध एवं स्पष्ट व्याख्या श्रोता को हर्षित कर साधुवाद के लिये प्रेरित करती है ।
पण्डित जी से मेरा परिचय उनके सारस्वत वाङ्मय के माध्यम से है जो प्रत्यक्ष परिचय से अधिक महत्वपूर्ण | पण्डित जी अपनी यशस्वी रचनाओं से समाज के बौद्धिक क्षेत्र को प्रकाशमान करते रहें, यही शुभ भावना है ।
शुभ भावना
स्वस्तिश्री भट्टारक चारुकीति पंडिताचार्य स्वामी जी
दिगम्बर जैन मठ, मूडबिडी, कर्नाटक, ५७४, २२७
पण्डित जगन्मोहनलाल जी शास्त्री के साधुवाद हेतु आप एक ग्रन्थ प्रकाशित कर रहे हैं, यह जानकर मुझे प्रसन्नता हुई । श्री शास्त्री जी जैनदर्शन के बहुश्रुत विद्वान् हैं । जैन साहित्य के क्षेत्र में एवं जैन समाज के लिये शिक्षण, व्याख्यान, लेखन के रूप में उनकी सेवायें अत्यन्त सराहनीय रही है । उनकी सेवाओं का साधुवाद सामयिक है । हम आपकी योजना की सफलता की कामना करते 1
ब्र० कल्याणदास जो
सीहोरा रोड, जबलपुर
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पं० जगन्मोहनलाल शास्त्री साधुवाद ग्रन्थ
पण्डित जगन्मोहनलाल जी शास्त्री के साधुवादन के अवसर पर जैन-विद्या-ग्रन्थ प्रकाशन के निर्णय से मैं बहुत प्रसन्न हूँ । श्री पण्डितजी इस समय के सर्वोत्कृष्ट विद्वान्, धर्मानुशासित, सिद्धान्तवादी शिक्षक, लेखक, सम्पादक और व्याख्याता हैं । कृपया इस कार्य हेतु हमारे आशीर्वाद स्वीकार करें ।
'भद्रं भूयात्, वर्धताम्' जिनशासनं' अनेक शुभाशिष
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पण्डित जी बचपन से ही कुशाग्रबुद्धि और गुणी रहे हैं । आपने मोरेना और वाराणसी में शिक्षा प्राप्त की है । आपकी वाणी जन-जन को मोह लेती है । आपके द्वारा परिपोषित शिक्षा-संस्था कटनी आज अनेक संस्थाओं का समूह बन गया है ।
आपके कारण अनेक साधुसंघ अध्ययनार्थं कटनी में चातुर्मास करते हैं । गहन विषय को सरल करना आपकी विशेषता है । मैं भी उन्हों के प्रसाद से आत्मकल्याण की ओर अग्रसर हुआ हूँ ।
आप सद्गुरु, हितचिन्तक, संतोषी, सरल स्वभावी, ज्ञान भण्डारी, अष्टमदविकल, निरतिचार व्रत - पालक, पंचशील, कषायत्यागी एवं कल्याणमार्गी हैं। मैं उनके प्रति अपनी सद्भावना व्यक्त करता हूँ ।
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