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नमस्कार महामन्त्र
( धर्म स्थान, संत एक पट्ट पर विराजमान हैं, एक महिला अपने पुत्र के साथ प्रवेश करती है, संतों को वन्दन कर वह अपने आसन पर बैठ जाती है 1 ) कमला – मुनिराज ! बड़ी परेशान रहती हूँ कई दिनों से ।
मुनि मतिधर - कहो बहिन ! क्या बात है ?
कमला- मेरा यह एक मात्र लड़का है । उम्र बारह वर्ष की है, शरीर से स्वस्थ है, फिर भी पता नहीं यह रात के समय क्यों डरता है । मैंने इसे बहुत बार समझाया भी कि तुम्हारा यह डर काल्पनिक है, इसमें कुछ भी वास्तविकता नहीं है । मेरे समझाने का इस पर अब तक कोई असर नहीं हुआ । आखिर हारकर आपके पास इसे लेकर आयी हूँ ।
मुनि मतिधर - क्या कारण है इसके डरने का ?
कभी-कभार
कमला - कारण तो मैं भी नहीं जान सकी कि क्या है । पर देखती हूँ, रात को जब कभी घर में कोई आहट होती है, इसकी नींद टूट जाती है, दिल की धड़कन बढ़ जाती है और मुझे पुकारता है - मां ! ए मां ! लगता है घर में तो कोई अजनवी व्यक्ति घुस गया है । नींद में ही चिल्लाने लग जाता है। पूछती हूँ तो कहता है, मां ! सपने में कोई मुझे मारने आ रहा था। कभी अचानक ही बैठ जाता है और मुझे जगाकर कहता है - मां ! देख वे भूत खड़े हैं ! कभी कहता हैवह सांप मेरी ओर आ रहा है। महाराज ! कहते हुए संकोच होता है, इतना बड़ा हो गया फिर भी डर के मारे कभी-कभी बिस्तर में पेशाब तक कर देता है। और क्या कहूँ इसके डर की बात, मेरे से अब भी यह दूर नहीं सो सकता ।
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मुनि मतिधर - अब तक कोई उपचार भी किया इसके लिए ? कमला – कई दिनों पूर्व इसे एक डॉक्टर की दवाई दिलाई थी
किन्तु कुछ फर्क नहीं पड़ा | एक प्रसिद्ध तांत्रिक ने इस पर तंत्र के प्रयोग भी किये। दरगाह के पीरजी से इसके हाथ पर ताबीज भी बंधवाया, पर समय और धन की बर्बादी के सिवाय कुछ भी परिणाम नहीं आया ।
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