Book Title: Bat Bat me Bodh
Author(s): Vijaymuni Shastri
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 153
________________ बात-बात में बोध है, उत्पादन ज्यादा व मांग कम होने पर कीमत घट जाती है, एक लोह खण्ड का मूल्य १० रु. होता है किन्तु वही लोह खण्ड जब ताला बन गया तो कीमत दूसरी हो गई, प्रतिमा के रूप में परिवर्तित हुआ तो कीमत फिर बदल गई, यों उसकी सैकड़ों, हजारों व लाखों पर्यायें बदल जाती हैं। उनकी कीमत में भी तरतमता रहती है। कोई व्यक्ति यह आग्रह नहीं करता कि समान मात्रा में लोहा होने पर कीमत में इतना अन्तर क्यों ? आम की मौसम में और बिना मौसम में उसके भाव में अन्तर पड़ जाता है, यह कालगत पर्याय परिवर्तन है। संतरे नागपुर के मीठे व प्रसिद्ध होते हैं, अन्य प्रदेशों के इतने मीठे व प्रसिद्ध नहीं होते, यह क्षेत्रगत संतरे की पर्याय है। एक ही व्यक्ति बचपन, जवानी, बुढ़ापा आदि अवस्थाओं में निरन्तर बदलता रहता है। यह अवस्थागत पर्याय परिवर्तन है। किशोर-मान्यवर ! आप कहानी के द्वारा पर्याय परिवर्तन की बात समझायें तो विषय और अधिक सरस बन जायेगा। महावीर प्रसाद-अवश्य, सुनो। एक परिवार में पति पत्नी और पांच वर्ष का उनका बच्चा ये तीन ही सदस्य थे। पति टी. बी. का मरीज था। निरन्तर बीमार रहने के कारण उसका शरीर बहुत दुर्बल हो गया। भरी जवानी में भी वह बूढ़ा ज्यों लगने लगा। दीपावली का दिन नजदीक था। बच्चे की मां कमरों की सफाई कर रही थी। सन्दूकों व आलमारियों से सारा सामान बाहर निकालकर वह पौंछ रही थी। सहसा उसका ध्यान एक फोटुओं के एलबम्ब पर गया। इसमें विवाह के अवसर की यादों को कैद करके रखा गया था। मां उन फोटुओं को एक-एक करके गहराई से देख रही थी। तभी उसका छोटा मुन्ना वहीं आ गया । एक फोटू जिसमे पति-पत्नी दोनों का संयुक्त पोज था, देखकर छोटा मुन्ना मां से पूछ बेठा--मां यह कौन महिला है। मां ने कहाबेटा ! यह मैं तेरी मां हूँ। और साथ में तुम्हारे यह कौन आदमी है, बच्चे ने पुनः प्रश्न किया। मां ने सहज भाव में कहा-यह तुम्हारा पिता है। सरलता से बच्चा फिर पूछ बैठा-ए मां ! मेरा पिता अगर यह हैं तो खटिया पर दिन भर खांसने वाला, लम्बी दाढ़ी वाला बूढ़ा आदमी यह कौन है ? मुखं बेटे : तुम्हारा पिता ही तो है वह, मां उस्की मूर्खता पर हंसती हुई बोली। बच्चा बोला-मां! मैं समझा नहीं, फोटू के पिता और इस आदमी में कौन सही, कौन गलत है ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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