Book Title: Bat Bat me Bodh
Author(s): Vijaymuni Shastri
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 139
________________ १२६ बात-बात में बोष नहीं हो जाता। आप मेरे नाम पर वोटिंग करवाले, पता चल जायेगा कि कक्षा के ज्यादातर लड़के मुझे चाहते हैं या नहीं। दो छात्रों में से एक-देखिए, गुस्सा तो इसके पल्ले बंधा है । दूसरा छात्र-हमारा कोई अशोक से व्यक्तिगत विरोध नहीं किन्तु निर्णय से पहले व्यक्ति की अच्छाई-बुराई की चर्चा तो कर ही लेनी चाहिए । (थोड़ी हलचल शुरू हो जाती है) अध्यापक-शान्त, यह कोई राजनैतिक चुनाव नहीं है जो वोटिंग करलें । न कोई मैंने इस पद के लिए नामांकन पत्र भी आपसे मांगे। हमारी स्कूल का आदर्श रहा है यहां चुनाव की बजाय मनाव पद्धति से काम होता है । तुम एक ऐसा नाम प्रस्तावित करो, जो सभी को जंच जाये और जो सभी पर नियन्त्रण कर सके, साथ ही कक्षा की व्यवस्था को भी संभाल सके। विशाल-सर ! महावीर इसके लिए योग्य है। प्रकृति का विनम्न है, सबको __ साथ में लेकर चलने वाला है, नियन्त्रण करने की भी उसमें क्षमता कई छात्र -हम सब उसके नाम का समर्थन करते है। अशोक - विरोध तो नहीं है मेरा भी. इस नाम से, किन्तु अच्छाई के साथ बुराई की भी चर्चा कर लेनी चाहिए, जैसा कि मेरा नाम आने पर की गई। अध्यापक-कहो, क्या बुराई है इसमें । अशोक-और बातें तो ठीक है पर महावीर थोड़ा भोले स्वभाव का है। एक छात्र-ज्यादा होशियार भी क्या काम का जो चलते हुए आदमी की जेब काट ले। अध्यापक-~-देखो, यों तो व्यक्ति मात्र में गुण और दोष दोनों मिलते है। जिस कार्य के लिए जिस गुण से युक्त व्यक्ति की जरूरत रहती है हमें तो उसकी उस विशेषता को मुख्यता देनी होगी। यह तो तुम भी मानते हो कि महावीर में सबको साथ लेकर चलने की, कक्षा की व्यवस्था संभालने की, सबसे मिल-जुलकर रहने की विशेषता है, जो एक कक्षा नायक में होनी चाहिए। अशोक-इसमें तो खैर कोई विरोध जैसी बात नहीं। अध्यापक-मैं मानता हूँ, महावीर नाम के साथ सबकी सहमति जुड़ी है। (एक क्षण रुककर) तो सर्व सम्मति से इसे कक्षानायक नियुक्त किया जाए। अनेक लड़के-जी हां। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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