Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

Previous | Next

Page 412
________________ अग्गला-अच्छ अग्गला [अर्गला] रा० १३०. जी० ३१३०० अगसिहर [अग्रशिखर] ओ० ५,८. रा० ३२. जी० ३१२७४,३७२ अग्गसो अग्रशस्] जी० ११५८,७३,७८,८१ अग्गहत्य [अग्रहस्त] ओ० ४७. रा० १२,७१४, ७५८ से ७६१. जी० ३.११८ अग्गि अग्नि ] ओ०४८,१८४. रा० ७६१. जी० ३१६०१,८६६ अम्गेश अग्राह्य] ओ०८ अग्गोदय [अग्रोदक ] जी० ३३७३३ अचंड [अचण्ड] जी० ३१५६८ अबक्खुदंसणि [अचक्षुर्दर्शनिन् ] जी० १।२६,८६, ६०; ६१३१,१३३,१३७,१४० अधरिम [अचरम] रा० ६२. जी० ६।६३,६५,६६ अचवल [अचपल] रा० १२ अचित्त [अचित्त ] ओ० २८,४६,६६,७०. रा०७७८ अचिर [अचिर] जी० ३१५६० अचोक्स [दे० अचोक्ष ] रा० ६,१२. जी० ३१६२२ अच्च [अ]—अच्चेइ ओ० २. रा० २६१. __जी० ३१५१६-अच्चेति जी० ३१४५७ अच्चंत [अत्यन्त] ओ० १४. स० ६७१ अच्चणिज्ज [अर्चनीय] ओ० २. रा० २४०,२७६. जी० ३१४०२,४४२,१०२५ अच्चगिया [अर्चनिका] रा० ६५४,६५५. जी०३१४६३,४६६,५१७,५५४,५५५ अच्चा [अर्चा] ओ०७२ अच्चासग्ण अत्यासन्न ] ओ० ४७,५२,८३. रा०६०,६८७,६६२,७१६ अच्चि अचिस् ] ओ० ४७,७२. रा० १७,१८,२०, ३२,१२६. जी० २७८,३३८५,१७५,२८८, ३००,३७२ अच्चिकत चिःकान्त] जी० ३११७५ अच्चिकूड [अचि कूट] जी० ३३१७५ अच्चिज्झय [अचिवंज] जी० ३११७५ अच्चिप्पभ [अर्चिःप्रभ जी० ३३१७५ अच्चिमालि [अचिर्मालिन रा० १२४ अच्चिमाली | अचिर्मालिनी] जी० ३१६२०,१०२३, १०२६ अच्चियावत्त [अचिरावत जी० ३३१७५ अच्चिलेस्स [अचिर्लेश्य ] जी० ३६१७५ अच्चिवण्ण [अचिर्वर्ण] जी० ३३१७५ अच्चिसिंग अचिः शृङ्ग) जी० ३११७५ अञ्चिसिट्ठ [अचिः शिष्ट] जी० ३११७५ अच्चुत [अच्युत] जी० ३११०३८,११२२ अच्चुत्तरडिसग [अचिरुत्तरावतंसक] जी० ३३१७५ अच्चुय [अच्युत] ओ० १५८,१५६,१६२,१६०, १६२. जी० २१९६३।१०५४,१०५५,१०६२, १०६६,१०७४,१०८८,१०६१,११११,१११२, १११५,१११६ अच्चुयवइ [अच्युतपति ] ओ० ५१ अच्चुत्ता [अचित्वा] रा० २६१. जी० ३४५७ अच्चोदग [अत्युदक रा० ६,१२. जी० ३।४४७ अच्चोयग अत्युदक] रा० २८१ अच्छ अच्छ] ओ० १२,१६४. रा० २१ से २३. ३२,३४,३६,३८,१२४ से १२८,१३१,१३२, १३४,१३७,१४१,१४५ से १४८,१५० से १५३,१५५ से १५७,१६०,१६१,१७४,१८० से १८५,१८८,१६२,१६७,२०६,२११,२१८, २२१,२२२,२२४,२२६,२३०,२३३,२३८, २४२,२४४,२४६,२५३,२५६,२६१,२७३, २६१. जी० ३।११८,११६,२६१ से २६३, २६६,२६८,२६६,२८६,२८६ से २६७,३०१, ३०२,३०४,३०७,३०८,३१२,३१८,३१६, ३२३ से ३२६,३२८ से ३३०,३३२,३३४, ३३७,३४७,३४८,३५२,३५३,३५५,३६१, ३६५,३७२,३७७,३८०,३८१,३८३,३८५, ३६२,३६५,३६६,४००,४०४,४०६,४०८, ४१०,४१३,४१४,४१८,४२२,४२५,४२७, ४३७,४५७,६३२,६३६,६४४,६४६,६४६, ६५५,६६१,६६८,६७१,६७५,६८६,७२४, ७२७,७३६,७५०,७५८,८३६,८४२,८५४, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639