Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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५८०
उच्छायणया-उण्णयासम
उच्छायणया [उच्छादना] रा०६७१
उट्ठा [उत् + ष्ठा]---उ? इ. ओ० ७८. रा०६६५ उच्छु ! इक्षु] ओ० १. जी० ३८७८,६६१
-उडे ति. ओ० ८१.- उठेति. रा०६० उछभ [ उत+क्षिप- उच्छुभइ. रा०७८५ उद्रा [उत्था] ओ०७८.८०.८१,८३. रा०६०,६२, उच्छूट [उत्क्षिप्त ] ओ १६. जी० ३१५९६
६९५,७००,७१८,७८० उच्छढसरीर | उत्क्षिप्तशरीर ] ओ० ८२. रा० ६८६ उद्विय [उत्थित ] ओ० २२. रा० ७७७,७७८, उज्जम [उद्यम ] ओ० ४६
७८८ उज्जल उज्वल ] ओ० ५,८,१६,५७. रा० ३२, उटुता [उत्थाय ] ओ० ७८. रा० ६० ६९,७०,२४६,७६५. जी० ३११०,१११,
उउव [उटज] तापसगृह जी० ३१७८ ११७,२७४,३७२,४१०,५८६ से ५६१,५६६ उड़ दे०]-उडुइज्जइ. रा० ७८५ उज्जाण उद्यान ] ओ० १,३७. रा० १२,६५४, उपइ [उडुपति ] ओ० १६
६५५,६७०,७०६,७११,७१३,७१६,७१६, उडुयति [उडुपति ] जी० ३।५६६ ७२६. जी० ३१५५४
उड्ड [उर्व] ओ० ११६.१८२,१६२. रा० १२४, . उज्जाणपालग [उद्यान पालक रा०७०७,७१३,७१४
१२७ से १२६,१३७,१८६,१८६,२०४ से २१२, उज्जाणपालय [उद्यानपालक] रा० ७०६
२२२,२२७,२३१,२३९,२४७,२५१,२५३, उज्जाणभूमि { उद्यानभूमि [रा० ७३२,७३७,७४७
७५३. जी. ११४५, ३.२५७,२६१ से २६३, उज्जालिय [उज्वालित] जी० ३१५८६
३००,३०७,३५२ से ३५५,३५६.३६४,३६८ उज्जु [ऋजु] ओ० १६,४७. जी० ३।५६६,५६७
से ३७४,३७६,३८१,३८६,३६३,४०१,४१२, उज्जमइ [ऋजुमति ] ओ० २४. रा० ७४४
४१४,५६६,६३२,६३४,६४६,६४७,६६१, उज्जुय [ऋजुक] ओ० १६. जी० ३१५९६,५६७
६६३,६७२ से ६७५,६७६,६८६,७०६,७१३, उज्जुसेढी [ऋजुश्रेणी] ओ० १८२
७३६,७३७,७५६,८३८११२,८३६,८४२,८४५, उज्जोइय [उयोतित] जी० ३६५६८
८८२,८८४,८८५,८८७,८८८,८६४,८६८, उज्जोएमाण [उद्योत यत् ] जी० ३।३०३
६००,६०७,६११,६१८,१०३८,१०६७,१०६६, उज्जोय [उद्द्योत ] ओ० १२. रा० २१, २३,२४,
१०७०,११११ ३२, ३४,३६,१२४,१४५,१५७,२२८,२५७.
उड्डाण उर्वजानु ] ओ० ४५.८२ जी० ३६२६१,२६६,२६६,२७७,३८७,५८६, उड्ढवाय [ऊर्ध्ववात] जी० १८१ ५६०,६७२
उड्ढीमुह [ उद्धी'मुख] जी. ३८४२ उज्जोव (उद्+द्युत-उज्जोवेइ. रा० ७७२, उण्णइय [उन्नतिक ओ०६ जी० ३।२७५,२८६, जी० ३.३२७ -- उज्जोवेति. रा० १५४. जी०
६३६,८५७,८६३ ३.३२७-उज्जोवेति. रा० १५४ जी०३१७४१ उष्णत [उन्नत] रा० २४५ उज्जोविय [उयोतित ओ० ५१,६३,६५ Vउण्णम [उत् +-नम्] --उण्णमंति. रा० ७५ उज्जोवेमाण [ उद्योतयत् ] ओ० ४७,७२. रा०७०, उण्णमित्ता [उन्नम्य] रा०७५ १३३. जी० ३।११२१,११२२
उण्णय [उन्नत ] ओ० १,१६. जी० ३१४०७,५९६, उट्ट [उष्ट्र] ओ०१०१,१२४. जी० ३१६१८ उट्टियासमम उष्ट्रिकाश्रमण] ओ० १५८ उण्णयासण [उन्नतासन] रा० १८१,१८३, उट्टी [उष्ट्री] जी० ३१६१६
जी० ३१२६३
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