Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 578
________________ मयंग-मोयम मुयंग [ मृदङ्ग] जी. ३७८ मुयंत । मुञ्चत् ] ओ० ७,८,१०. भी० ३:२७६ मुरंडी' [मुरण्डी] रा० ८०४ मुरय मुरज ओ० ६७. ० १३.७७,६५७ मुरव [मुरजजी० ३७८,४४६ मुरवि | दे०] ओ० १०८,१३१. रा० २८५ मुसंढी | दे० जी० ११७३ मुसल [ मुसल] ओ० १६. जी० ३३११०,५६६ मुसाबाय [ मृषावाद] ओ० ७१,७६ ७७,११७, १२१,१६१,१६३. रा० ६६३,७१७,७६६ मुसावायवेरमण [मृपावादविरमण] ओ०७१ मुसुंढि [दे० ओ० १. जी० ३६११० मुहमंगलिय [मुखमाङ्गलिक] ओ० ६८ मुहमंडव | मुखमण्डप ] रा० २११ से २१५,२६५ से २६६३२६ से ३३०,३३३ से ३३७. जी० ३।३७४ से ३७६,४१२,४२१,४६० से ४६४, ४६१ से ४६५,४६६ से ५०२,८८७ से ८८६ मुहमूल [मुखमूल ] जी० ३।७२३,७२६ मुहत्त | मुहन] अ० २८,१४५. रा०७५३,८०५ मुहुत्तंतर [मुहून्तिर रा० ७६५ मुहुत्ताग [ मुहूर्त ] रा० ७५१,७५३ मूढ | मूढ | रा० ७३२,७३७,७६५ मूढतराय [ मूटतरक रा० ७६५ मूल मूल] ओ० ६४,१३५. रा० १२७,२०४, २०५,२०६,२२८. जी० १७१,७२, ३१२६१, ३५२,३६४,७२,३८७,६३२,६४३,६५४, ६६१,६७२,६७८,६७६,६८६,७२३,७२६, ७३६,७६२,८३६,८७८,८८२.१००७ मूलमंत | मूलयत् ] ओ० ५,८,१०. जी. ३१२७४, ३८६,५८१ मूलय | मूलक ] जी० ११७३ मूलारिह ! मुलाह | ओ० ३६ मूलाहार | मूलाहार ] ओ० ६४ मूसग [मूषक | जी० ३१८४ १. मरुण्डी ओ० ७०] मूसिया ! मूषिका] जी० २। मेइणी [ मेदिनी] जी० ३१५६७ मेंढमुह | मेषमुख | जी० ३१२१६ मेघ | मेष रा० १३,१४ मेदि | मेढी', रा० ६७५ मेढिभूय : मेडीभूत | रा० ६७५ मेत्त मात्र ओ० ३३,१२२. रा० ६,१२,४०, २०५ से २०८,२२५,२७६ मेत्तय मात्रक] जी० ३.४४० मेधावि [ मेधाविन् | रा० १२,७५८,७५६ मेरग | मेरक जी० ३।५८६ मेरय [मेरक जी० ३।६६० मेरु | मेरु | जी० ३।८३८।१०,११ मेरुयालवण | मस्तालयन जी० ३.५८१ मेलिय [ मेलित जी० ३:५६२ मेहमुह | मेवमुख) जी० ३१२१६ मेहला [ मेखला] जी० ३,५६३ मेहस्सर [मेघस्वर ] रा० १३५. जी० ३।३०५ मेहावि | मेधाविन् | ओ० ६३. श्री० ३।११८ मेहुण | मैथुन] ओ०७१,७६,७७,११७,१२१, १६१,१६३ मेहुणवत्तिय [मैथुनप्रत्यय] जी० ३.१०२५ मेहुणवेरमण [मैथुनविरमण] ओ०७१ मेहुणसण्णा [मथुनसंज्ञा] जी० १२०; मोक्ख [ मोक्ष] ओ० ७१,१२०,१६२ मोग्गर [ मुद्गर] जी० ३३११० मोग्गरगुम्म [ मुद्गरगुल्म] जी० ३।५८० मोणचरय मौनचरक] ओ० ३४ मोत्तिय [मौक्तिक) ओ० २३. रा० ६६५. जी० ३१६०८ मोय (मुच्]..मोएति. रा० ७३१ मोयग [मोचक | ओ० २१,५४. रा० ८,२६२. जी० ३।४५६ १. आप्टे, पृष्ठ १२८६-- मेठिः, मेढी, मेथिः । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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