Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 582
________________ ७२० राइण्ण-रिसि राइण्ण राजन्य ] ओ० २३,५२. रा०६८७,६८८। राषववहार [राजव्यवहार रा०६८०,६६८ राइय [गत्रिक] ओ० २६ रायहाणी [राजधानी] रा० २८२,६६७. जी० [एगराइय (एकरात्रिक) पंचराइय (पंचरात्रिक) ३१३५०.३५१,३५४,३५५,३५७,३५८,३६०, राईभोयण रात्रिभोजन ओ०७६ ४३६,४४२,४४५,४४७,४४८,५५५,५५५, राग [राग] ओ० ३७,४६,१२,५५,७४१६,१०७, ५५७,५६३,५६७ से ५६६,६३७,६३८,६५६, १३०,१६८. रा० १६.१३३,२८१,७७१. जी० ६६०,६६५,६६६,७०१,७१०,७९२,७१३, ३।३०३,४४७,५६५ ७२१,७३८,७३६,७४१,७४४,७४७,७५१ से रातिदिय रात्रिंदिव! जी० ३१२१८ ७५३,७६०,७६१,७६३ से ७८०,८००,८१४, राम [लाम] ओ० ६६. जी० ३.११७ १०२,६१६ से १२२,६४०,६४५ रामरक्खिया [ रामरक्षिता] जी० ३।११६ रायारिह [राजाह] रा०६८०,६८१,६८३,६५४, रामा रामा] जी० ३।६१६ ६६६,७००,५०२,७०८,७०६ राय [राजन् ] ओ०१४ से १६,१८,२०,२१,५२ रासि [राशि] ओ० १६५११५. ० २७,२६,३१. से ५६,६२ से ६८.७०,७१,८०,६६. रा०५, जी० ३१२८०,२८२,२८४,८१६,८३६ ६,१५४,६ १, ६७५,६७६ से ६८१,६८३ से राहु [राहु] ओ० ५० ६८५,६८७,६८८,६६८ से ७००,७०२ से राहुविमाण [राहुविमान ] जी० ३१८३८११७ रिउवेद ऋगवेद ओ०१७ से ७२६,७२८ से ७३४,७३६ से ७३९,७४७ ।। रिगिसिया [दे० रिङ्गिसिका] रा० ७७ से ७८१,७८८ से ७६१,७६३ से ७६६. जी. रिक्ख [ऋक्ष ] ओ० ६३. जी० ३।८३८१२६ ३:१२६,३२७,५६२,६०२,६०६,६३१,७४७, । रिट रिष्ट ] रा० १०,१२,१८,६५,१६५,२७६. जी० ३।७,८,१५,२४,३०,६२,३४६,४४५ रायंगण | राजाङ्गण] रा० १२,१७३. जी० रिटुमय [रिष्टमय ] जी० ३,४३५ ३१२८५ रिद्वय [रिष्टक ] ओ० १३ रायतेउर राजान्तःपुर] रा० १२,१७३ रिट्ठा शिष्टा] जी० ३।४ रायकउह राजककुद | ओ०६६ रिट्ठाभ [रिष्टाभ ] जी० ३१५८६ रायकज्ज ! राजकार्य ] रा०६८०,६६८ रिद्वामय रिष्ट प्रय] रा० १६,१३०,१७५,१६०, रायकहा | राजकथा ओ० १०४,१२७ २२८,२५४,२७०. जी. ३१२६४,२८७,३००, रायकिच्चगजकृत्य ] रा० ६८०,६६८ ३८७,४१५,४३५,६४३,६७२ रायकुल राजकुल रा० ६७१ रिद्ध [ऋद्ध ] ओ० १. रा० १,६६८,६६६,६७६, रायणीइ [राजनीति रा०६८०,६६८ रायधाणी [ राजधानी जी० ३१४४६,७००,७०१ रिभित [रिभित ] जी० ३.४४७ रायमग राजम १. रा०६८४,६८५, रिभिप [रिभित रा० ७६,१०६,११६,१७३, ७००,७०६ २८१. जी० ३।२८५ रायरुक्ख [राजरूक्ष] ओ० ६,१०. जी० ३१३८८, रियारिय [रितारित] रा० १११,२८१. ५८३ जी० ३.४४७ रायलदखण | राजलक्षण] रा०६७१ रिसि [ऋषि ] ओ०७१ ६७७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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