Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 477
________________ गोयमदीव-घण ६१५ ६६६,९७२ से ६७६,६८२ से १८७,९८६, ५१६,५२०,५४७,५५४ ६६६ से १००८,१०१०,१०११,१०१५, गोहा [गोधा] जी० ११११२ १०१७,१०२० से १०२३,१०२५ से १०२७, गोही [गोधी] जी० २६ १०३७ से १०४२,१०४४,१०५७,१०५८, १०६३,१०६५,१०६७,१०६६,१०७१, घ [घ] रा० ६५ १०७३ से १०७५,१०७७ से १०५१,१०८३, __ घओद [घृतोद] जी० ३६२८६ १०८५ से १०८७,१०८६ से १०६३, घओदय [घृतोदक] जी ० ११६५ १०६५,१०१८,१०६६,११०१,११०५,११०६ से घओयग | घृतोदक] रा० १७४ ११२४,११२८ से ११३१,११३४ से ११३८% घंटय [घण्टाक] जी० ३१२८५ ४।३,५ से ११,१६,१७,१६,२२,२३,२५; घंटा [घण्टा ओ० २,१२,५७,६४. रा० १३.१५, ५।५,८,१०,१२ से १७,१६ से २४,२८ से २३,३२,१३५,१७३,२५८,६८२. जी. ३०,३४,३५,३७ से ३६,४१ से ५०,५२ से ३.२६१,३०५,३७२,४१६ ५६,५८ से ६०, ६८,७२,६,२०, ६२,४, घंटाजाल [घण्टाजाल] रा० १३२,१६१. जो० १० से १४,१६,२३ से २६,३१,३३,३६,४१ ३१२६५,३०२ से ४७,४६,५२,५५,५७,५८,६४,६८,७७.७८, घंटापास [घण्टापाचं ] रा० १३५. जी० ३१३०५ ८६,१०,६६,६७,१०२,१०३,११४,११५, घटायलि [घण्टावलि] रा० १७,१८,२० १२२,१३२,१४२,१६० से १६३,१७१,१८६ घंटिया [घण्टिका | रा० १७,१८. जी० ३१५६३ से १६१,१६३,१६५,१६८ से २०७,२१० से घंस [घर्ष ] जी० ३१६२३ २१२,२१४ से २१६,२२२ से २२५,२२७ से घंसियग [घर्षितक] ओ०६० २३०,२३३ से २३८,२४० से २४४,२४६, घकारपविभत्ति [घकारप्रविभक्ति रा० १५ २४६ से २५३,२५५,२५७ से २६३,२६५, घट्ट [घट्ट] घट्टइ. रा० ७७१--घटेंति २६८ से २७३,२७५ से २८२,२८४ से __ जी० ३७२६ २६३ घटुंत [घट्टयत् ] रा० ७७१ गोयमदीव [गौतमद्वीप] जी० ३६७५४,७५५,७६०, घट्टणया [घट्टन] ओ० १०३,१२६ घट्टिजंत घट्टयमान ] रा० ७७ गोयरग्ग [गोचराग्र] रा० ७१६ घट्टिय | घट्टित] रा० १७३. जी० ३१२५५ गोर [गौर] ओ० ८२ घटु घृिष्ट] ओ० १२,१६४. रा० २१,२३,३२, गोलवट्ट | गोलवृत्त ] रा० २४०,२७६,३५१. जी० ३४.३६,१२४,१४५,१५७. जी. ३।२६१, ३।४०२.४४२,५१६,१०२५ २६६,२६६ गोलियालिछ । गोलिकालिञ्छ | जी० ३।११८ घडग [घटक | जी० ३।५८७ गोव्वइय [गो प्रतिक ओ०६३ घडत्त [घट त्व) जी० ३।२२,२७,७८४,७८७ गोसीस | गोशीर्ष ] ओ० २,५५,६३. रा० ३२, पण [धन ] ओ० १,४,५,८,१३,१६,४७,६८. रा० २७६,२८१.२८५,२६१,२६३ से २६६,३००, ७,१२,११४,१३३,१७०,२८१,७०३.७५५, ३०५,३१२,३५१,३५५,५६४. जी० ३:३७२, ७५८,७५६,७७२. जी० ३१६७,८०,११८, ४४५,४४७,४५१,४५७,४६२,४६५,४७०,४७७, २७३,२७४,३००,३०३,३५०,४४७,५६३, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org


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