Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 559
________________ बालभाव-बुक्कार बालभाव [बालभाव] रा०८०६,८१० पाहिरिया (बाहिरिका] ओ० १८,२०,५३,५५, बालविहवा [बालविधवा] ओ०१२ ५८,६० से ६३ रा०६८३,६८५,७०८,७५४, बालिय बाल रा० ४५ ७५६,७६२,७६४ बावट्ठ [द्वाषष्टि ] जी० ३१:३२ बाहिरिल्ल बाह्य ] जी० ३१७२३,१००७ बावट्ठि । द्वारिट] रा० २०६. जी० ६१६१ बाहु | बाहु] ओ० १६. रा० १२,७५८,७५६. बावपण [द्विपञ्चाशत् | जी० ३१६:१ ___ जी० ३।११८,५६६ बावत्तर द्विाराति जी० ३.६३२ बाहुजुद्ध [बाहुद्ध] ओ० १४६. रा० ८०६ बावत्तरि [द्वासप्तति]० २०६. जी०११११६ बाहुजोहि [ बाहुबोधिन् | ओ० १४८,१४६. बावन्न ! द्विपञ्चाशत् ] ओ० १२६ रा० ८०६,८१० बावीस द्वाविंशति] ओ० १५४. स० ८१६. बाहुप्पमहि । बाहुप्रमदिन् ] ओ० १४८,१४६. जी० ११५६ श० ८०६,८१० बिइय द्वितीय | ओ० ४७,१७६,१८२. बाहल्ल बाहल्य] ओ० १९२. रा० ३६,१३७. जी० ३।२२६ १८८,२१८,२२१,२२४,२३०,२३८,२४२, बिट {वृन्त] रा० २२० २४४,२४६,२५२,२६१,२७२. जी० ३.५,१४ बिंदिय [वीन्द्रिय ओ०१८२ से २७,३६ से ४७,५२,७३ से ७५,७७,८०, बिलु [बिन्दु] ओ० २३ १२४,१२५,१२७,२३२,२५७,३०७,३१०, बिबफल | दिम्बफल] ओ० १६,४७. जी० ३१५९६ ३५५,३६१,३६५ ३७७,३८०,३८३,३८५, बिहणिज्ज [ बृहणीय] जी० ३।६०२,८६०,८६६, ३६२,४००,४०४,४०६,४०८,४१३,४२२, ८७२,८७८ ४२७,४३७,६३४,६४२,६४४,६४६.६५३, बिब्बोयण [दे०] रा० २४५. जी० ३।४०७ ६५५,६६८,६७१,७२४,७२५,७२७,७२८, बिलपंतिया | दिलपंक्तिका रा० १७४,१७५,१८०. ७५८,८६१,८६३,८६५,८६७,८६६,६०६, जी० ३.२८६,२८७,२६२,५७६.६३७,७३८, १००६,१०१० से १०१४,१०६५,१०६६ ७४३,७६३,८५७,८६३ बाहा बाह] 3० ११६. जी० ३।३५४,४१५ बिसालग | द्विशालक] जी० ३१५६४ बाहि बहिस्] रा. ७७२. जी. ३१७७ बीभच्छ {बीभत्स ] जी० ३।१४ बाहिर बाह्य] ० ६.१० ४३. जी० ३१७८, बीय बीज! ओ० १३५,१८४ २३६,२७५,६४३.६८१,७६८,७६६७७५, बीय द्वितीय ] ओ० १७४ ८३१,८३८११२,८४५,१०५५ बोयग बीयक जी० ३२२८१ बाहिरग [बाहिरक, बाक] जो० ३१७८४,७८७ ।। बोयगुम्म वीजगुल्म] जी० ३।५८० बाहिरय बाहिरक, वाहक ] अं० ३०,३१,३७. बीयबद्धि बोजबुद्धि] ओ० २४ जी० ३१६५८,७८२,७८६,७८७.६६० से १६७ बीयमंत | बीजवत् । ओ० ५,८. जी० ३१२७४ बाहिरिय बाहिरिक, बाह्यक] रा०६६२. बीयय (बोयक ! रा० २८ जी० ३१२३५ से २३६,२४१ से २४३,२४६, ___ बोगसत्तराई दिगा द्वितीयसप्तरात्रिदिवा] मो० २. २४७,२४६,२५०,२५४ से २५६,२५८,३४३, बीयाहर [बीजाहर] ओ०६४ ४४७,५६०,७३३,८४२.१०४० से १०४२. बुषकार [दे० --बुक्कारेति. रा० २८१. १०४४,१०४६,१०४७,१०४६ से १०५३ जी० ३।४४७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org


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