Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

Previous | Next

Page 564
________________ ७०२ भासास मिय [भापासमित] ओ० २७,१५२,१६४. रा० ८१३ भासुर [भासुर] ओ० ४७,७२. रा० ६,१२ भिउम्व [भार्गव] ओ० ६६ भिंग [ भृङ्ग] ओ० १६. रा० २६. जी० ३:२७६ भिगंगय [भृङ्गाङ्गक] जी० ३:५८७ भिगणिभा भृङ्गनिभा] जी० ३६६८७ भिंगा [भृङ्गा] जी० ३१६८७ भिंगार भुङ्गार] ओ०६४,६७. रा० ५०,१४८, २५८,२७६,२८१,२८८,७५३. जी० ३।४४५, ४५४,५८७ भिंगारक [भृङ्गारक] ओ० ६. जी० ३।२७५, ३२१,३५५,४१६ भिगि [भृङ्गि] जी० ३१५६५,५६६ भिण्डमाल [भिण्डमाल, भिन्दपाल] ___ जी० ३११० भिडिमाल [भिण्डिमाल, भिन्दिपाल ] ओ० ६४ ।। भिरिमालग [भिण्डिमालय, भिन्दिपालाग्र] जी० ३८५ अभिद भिद्]-भिंद. रा० ६७१–भिज्जइ. रा० ७८४ भिभसारपुत्त [भिम्भसारपुत्र] ओ० १५,१८,२०, २१,५३ से ५६, ६२ से ६४,६६,६७,६६, ७१,८० भिक्खलाभिय [भिक्षालाभिक ओ० ३४ भिक्खायरिया [भिक्षाचर्या ] ओ० ३१,३४ भिक्खुपडिमा [ भिक्षुप्रतिमा | ओ० २४ भिक्खुय [भिक्षुक] रा० ७१८,७८७,७८८ भिगु | भृगु] जी० ३।६२३ भिच्चा भित्वा] रा० ७५५ भित्ति भित्ति ] रा० १३०. जी. ३१३०० भित्तिगुलिया [भित्तिगुलिका] रा० १३०. जी० ३।३०० भिन्नमुहुत्त [भिन्नमुहूर्त जी० ३।१२६४२,१० भिब्भिसमाण [बाभास्थमान | रा० १७,१८,२०, ३२,५२६. जी. ३१२८८, ३००,३७२ भासासमिय-भूइकम्मिय भिलुंग [दे० भिलुङ्ग] रा० ७०३ भिस [बिस] रा० २६,१७४. जी. ३३११८,११६, २८२,२८६ भिसंत [भासमान] ओ० ५,८,६४. रा० ५१ जी० ३१२७४ भिसकंद (बिसकन्द] जी० ३:६०१ भिसमाण [भासमाण ] ० १७,१८,२०,३२,१२६. जी० ३१२८८,३००,३७२ भिसिया पिकाओ० ११७ भीत भीत ] जी० ३.११६ भीम [भीम] ओ० ४६,५७. जी० ३१८३ भुंजमाण [भुजान ] ओ० ६८. ४० ७. जी० ३३५०,५६३,८४२.८४५,१०२४, १०२५ । भुकुंड [ दे०] -भुकुंडेति. रा० २८५. जी० ३१४५१ भु कुंडेता [दे० ] जी० ३।४५१ भुजंग भुजङ्ग ] जी० ३१५६७ भुज्जतर [भूयस्तर] ओ० ८६ भुज्जो [ भूयस् ] ओ० १५६. रा० ७५१ भुत्त [भुक्त] रा० ६८५,७६५,८०२,८१५ भुयम [भुजग] ओ० २,५१ । भुयगपद [भुजगपति ] ओ० ४६ भुयगपरिसप्प [भुजगपरिसर्प ] जी० २१११३ भुयगपेच्छा [भुजगप्रेक्षा] ओ० १०२, १२५ भुयगीसर [भुजगेश्वर] ओ० १६. जी. ३१५६६ भुयपरिसप्प भुजपरिसर्प जी० १।६०४, ११२. १२२, १२४;२७,६,२४,५२,१२२; ३३१४३, १४४, १६१,१६२,१६६ भुममोयग [भुगम चक] ओ० १६. जी० ३१५६६ भुया [ भुजा] ओ० १६,२१,४७,५४,६३,७२. रा० ८,६६,७०, जी० ३।४५७,५६६ भुवा [भ्रू का[ जी० ३१५९६ भुसागणि [बुषाग्नि ] जी० ३।११८ भूइकम्मिय [भूतिकर्मिक] ओ० १५६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639