Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

Previous | Next

Page 558
________________ बाणगुम्म-बालदिवाकर बायरकाल बारकाल] जी० ६६E बायरणिओद (वादरनिगोद] जी० ५।३८ बायरणिओय [बाद निगोद] जी० ५१३१,३३,३५, बायरतसकाइय | बादर त्रसकायिक जी. ५१३१ से बाणगुम्म बाणगुल्म | जी० ३.५८० बादर [बादर] जी० ३१८४१; ५।२६ से ३१,३५, ५१,५२,५८ से ६० बावरआउकाइय [बादरअ'कायिक | जी० ५।२८ बादरणिओत बादरनिगोद जी० २२६ बादरणिओद [बादरनिगोद जी० ५।२८ से ३०, ४०,४७ से ४६,५२ बावरणिओवजीव | बादरनिगोदजीव ) जी० ५१५३. ५५,५८ से ६० बादरनियोवबादरनिगोद ] जी० १४० बादरतसकाइय [बादर त्रसकायिक ] जी० ५२८ से बायरतेउक्काइय बादरत जस्कायिक जी० ५।३१,३३,३४ बायरतेउक्काइय | बादरतेजस्कायिक] जी० ११७६ ; ५१३३,३४,३६ बायरपुढवि बादर पृथ्वी । जी० ५।३१,३३,३५,३६ बायरपुढविकाइय (वादरपृथ्वीकायिक जी० १११३,५७,६५,७४; ५:३१,३३,३४,३६ बायरपुढविक्काइय [बादरपृथ्वीकायिक __ जी० ११५७,५८,६२ बायरवणस्सइकाइय बादरवनस्पतिकाथिक] जी० १५६६,६८,६६,७२ से ७४ ; ५१३३,३४, बादरतेउक्काइय [ बादरतेजस्कायिक] जी० ११७८, ७६; २८ बादरपत्तेयवणस्सतिकाइय [बादरप्रत्येकवनस्पति कायिक] जी० ५।२६ बाबरपुढवि [ बादरपृथ्वी जी० ५।२६ बावरपुढविकाइय [बादरपृथ्वीकायिक ] जी० ११५८, ३११३२,१३४; ५।२,३,२८ से ३० बाबरवणस्सइकाइय वादरवनस्पतिकायिका जी० ५।३० बादरवणस्सति [बादरवनस्पति ] जी० ५.२६ बादरवणस्सतिकाइय [बादरवनस्पतिकाधिक] जी० ॥२८ से ३१ बादरवाउ | बादरवायु] जी० ५२२६ बादरवाउकाइय [बादरवायुकायिक जी. श२८, बायरवणस्सतिकाइय | बादरवनस्पतिकायिक] जी० ५१३१,३३ से ३६ बायरधाउकाइय [ बादरवारकायिक जी० ॥३४ बायरवाउक्काइय वादरवायुकायिक ] जी० ११८०, ८२ बायाल द्वचत्वारिंशत् | जी० ३.१०२२ बायालीस द्वः बत्वारिंशत् ] ओ० १६२. जी० ११११२ बारस द्वादशन् ओ० ६०. रा०४३.जी. ११८६ बारसभत्तद्वादशभक्त ओ० ३२ बारसम द्वादश ] रा० ८०२ बारसाह द्वादशाह ओ० १४४ बाल बाल ] रा० २७,३१,७५८,७५६. जी० ३१२८०,२८४,६६० से ६६७ बालतवोकम्म बालतपःकर्मन् ओ०७३ बालदिवाकर | बालदिवाकर रा० २७. जी० ३१२८० बादरवाउक्काइय [बादरवायु कायिक] जी० श८१ बायर बिादर जी०१४४; ३१८४१५२८,२६, ३१ से ३६; १६५,६,६६,१०० बायरआउकाइयबादरअप्कायिक जी० ५२६ बायरआउक्काइय [बादरअकाधिक जी०१४६३,६५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639