Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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पारियाय-पासायघडेंसक
६८५
पारियाय [पारिजात] रा० ४५ पारिहेरग प्रातिहायक जी० ३१५६३ पारी [दे० पारी] जी० ३१५८७ पारेवय [पारापत] रा० २६. जी० ३१२७६.
4
.
पाल [पालय ....पालथाहि. ओ० ६८. जी० ३१४४ : ...-पालेति. श्रो०६१---पालेहि
रा० २८२ पालंब [प्रालम्ब] ओ० २१,५२,५४,६३,१०८,
१३१. रा०८,२८५,६८७ से ६८६,७१४.
जी० ३१५६३ पालग पालक ] ओ० ५१ पालित्ता पालयित्वा] ओ०६१ पालियाय [पारिजात ] १० २७. जी० ३।२८० पालेमाण [पालयत् ] ओ० ६८, रा० २८२,७६१.
जी० ३६३५०,४४८,५६३,६३७ पाव पाप] ओ०७१,७६ से ८१,१२०,१६२.
रा०६७१,६६८,७५२,७८६ पाव [प्र+आप्]--पावइ, ओ० १६५।१४
-पाविज्जामि. रा० ७५१-पाविज्जिहिह.
रा० ७५१ पावकम्म [पापकर्मन् ] ओ० ८४,८५,८७,८८.
रा० ७५०,७५१ पावकम्मोवएस [पापकर्मोपदेश] ओ० १३६ पावग [पापक] ओ० ७४१६ पाक्य [पापक ओ० ७१ पावयण [प्रवचन] ओ० २५,७२,७६ से ८१,
१२०,१६२,१६४. रा० ६६५.६६८,७५२,
७८६ पावसण [पापशकुन ] रा० ७०३ पास (पार्श्व ओ० १६. रा० १३१ से १३८,
२५६,८१७. जी० ३१३५८,४१५,५६६,५६७,
७७५ पास [पाश] रा० ६६४. जी० ३१५६२ पास | दश्]-पास इ. ओ०५४. रा० ७१४.
जी० ३१११८-पासंति. ओ०५२.
रा० ७६५. जी० ३११०७- पास ति. रा०७. जी० ३१२००-पाससि.० ७७१.. पासह. रा०६३–पासामि. रा० ७६६-पासिज्जा. रा० ७७६. -पासिज्जासि. रा० ७५१.
--- पासेज्जा. जी० ३।११५ पासंत [पश्यत् ] रा० ७६४ पासगापाशक ) ओ० १४६. रा०८०६ पासग्गाह पाशग्राह] ओ०६४ पासणया [दर्शन] रा० ७५० से ७५३ पासतो पार्श्वतस् ] ० ५५ पासपाणि [पाशपाणि रा०६६४ पासमाण [पश्यत् ] रा ० ८१५ पासवण |प्रस्त्रवण] रा० ७६६ पाससूल [पावशूल, जी. ३१६२८ पासाइय [प्रामादीय, प्रासादिक] जी० ३।२८६ से
२५८,२६० पासाईय [प्रासादीय, प्रासादिक ओ० ७२. रा०
२०,३७,१३०,१३३,१३६,२५७. जी० ३।२६६, ३०६,३११,४०७,४१०,५८५,५६६,५६७,
६७२,११२१ पासाण [पाषाण] रा० १७४. जी० ३१२८६ पासाद [प्रासाद] जी० ३७६२ पासादवडेंसग [प्रासादावतंसक ] जी० ३७६२ पासादीय [प्रासादीय, प्रामादिक] ओ० १,७,८,
१० से १३,१५,१६४. रा० १,१६,२१ से २३, ३२,३४,३६.३८,१२४,१३७,१४५,१५७, १७४,१७५,२२८,२३१,२३३,२४५,२४७, २४६,६६८,६७०,६७२,६७६,६७८,७००, ७०२. जी० १२३२,२६१,२६६,२७६,३००, ३०३,३०७,३८७,३६३,५८१,५८४,६३६,
८५७,८६३,११२२ पासाय [प्रासाद] रा० १४,७१०,७७४. जी०
३१५६४,६०४ पासायडिसय [प्रासादावतंसक जी० २७७० पासायव.सक प्रासादावतंसक ] जी० ३१३६६,
३७०
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