Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 505
________________ तरुणीपडिकम्म-ताराख्व ६४३ तवोकम्म तपःकर्मन् ] ओ० २४,११६,१२० तस प्रस] ओ० ८७. जी० ११११,७५,८३,१३६, १३८,१४० से १४३; ५२१७. तसकाइय [सकायिक] श्री० ३१८३,१६४, १९७; १,४,६,१०,१६,१८ से २०१८२, तरुणीपडिकम्म [तरुणीप्रतिक मन् ] ओ० १४६. स० ८०६ तरुपक्खंदोलग [तरुपक्षान्दोलक] ओ०६० तरुपडियग [तरुपतिनक] ओ० ६० तल तल] ओ० १३,१६,६३,६४,६८,१६४. रा० ७,१२.५०,५२,५६,७६,७७,१३७,१७३, १७४,२३१,२४८,७५८,७५६,७७४. जी० ३।२८५,२८६,३०७,३५०,३६३,५६३, ५८८,५६६,६०४,६४२,८४५,१०२५ तलभंगय [तलभङ्गक ओ० ४७. रा० ३३५६३ तलवर [३०] ओ० १८,५२:६३. रा ० ६८७, ६८८,७०४,८५४,७५६,७६२,७६४. जी० ३।६०६ तलाग [तडाग] ओ०१ तलागमह [तडागमह] जी० ३१६१५ तलाय [तडाग] ओ० ६६ तलिण [तलिन ] ओ० १६. जी० ३१५६६,५६७ ।। तव तपस् ] ओ०२१ से २४,२६,३०,३८,४५, ४६,५२,८२,११७. रा०८,६,६८६,६८७, ६८६,७११,७१३,८१४,८१७. जी० ३REE तिवातप्]---तवंति. रा०२८१. जी० ३१४४७ --तविसु. जी० ३१७०३-तविस्सति. जी० ३७०३–तवेति. जी० ३१८४५ तवणिज्ज [तपनीय] ओ०१६,४७,५०. रा० ४०, १३०,१३२,१३७,१७४,१६१,२८८. जी० ३१२६५,२८६,३००,३०२,३०७,३१३, ३८७,३६७,५६०,५६६,६७२ तबणिज्जमय [तपनीयमय] स०१३०,१४६, २८५,२५४,२७०. जी० ३।३००,३०५,३०८, ३११,३२२,३३७,३६६,४०७,४१५,४३५, ६४३,६०४ तवणिज्जामय तपनीयमय रा० ३७ तवस्सि [तस्विन् ] ओ० २५ तवस्सिवेयावच्च [तर स्त्रियावृत्य] ओ० ४१ तवारिह [तोह ] ओ० ३६ तसकाय [प्रसकाय] जी० ३:१७४ तसिय [त्रासित ] जी० ३१११६ तह तथा ओ० ६६. रा० १०. जी० १।१४ तहप्पगार तथा:कार ओ० ४०,१०५,१०६, १२८,१२६,१४१,१६१,१६३. जी. १९६५, ७१ से ७३,७८,८१,८४,८८,८६,१००.१०३, १११,११२,११४ से ११६.११८,१२१ तहा तथा] ओ० १७७. रा० १०. जी०११४ तहारुव [तथारूप] ओ०५२,१५१. रा०६६७, ६८७,८१२ तहिं तत्र] ओ० ८६. रा० १७४. जो० ३।२६६ ताडना [ताडना] रा० ८१६ साडिज्जत [ताड्यमान] रा० ७७ ताण [श्राण] ओ० १६,२१,५४ तार [तार] रा०७६ तारग [तारक] जी० ३१८३८।११ तारम्ग [ताराग्र] जी० ३१६३८:२,२६ तारय तारक ओ० १६,२१,५४. रा० ८,२६२, जी० ३।४५७ तारयाग [तारकाग्र] जी० ३१८३८२६ तारा [तारा] ओ० ५०,६३,६८,१९२. रा० २५४,२८२. जी० ३१४१५,४४८, ८३८.१,२१,३०,१०२०,१०३७ तारागण तारागण जी० ३१७०३,७२२,८०६, ८२०,८३०,८३४,८३७,८३८॥३१,८५५, १००० तारापिंड (तारापिण्ड] जी० ३१८३८११ तारारुव तारारूप] रा० २०,१२४. जी० ३,२८८,८४१,८४२,८४५,६६८,१००३ से १००६,१०२० से १०२२,१०३७,१०३८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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