Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 523
________________ नगरदाह-नसिण नगरदाह [नगरदाह] जी० ३१६२६ नगरमाण [नगरमान] ओ० १४६ नगरी [नगरी] ओ० १६. रा० ६६६,६७०,६८०, ६८१,६८३,६८५,६५७,६८८,६६९,७००, ७०२ से ७०४,७०६,७०८,७१० से ७१२, ७२६,७५२,७७५,७७६,७८० नग्गा [नग्नजित्] ओ० ६६ नग्गभाव [नम्नभाव] ओ० १५४,१६५,१६६ निच्च [नृत्-नच्चिज्जइ. रा०७८३ नच्चंत [नृत्यत् ] ओ० ४६ नच्चणसील [नुत्यनशील] ओ०६५ नट्ट [नाट्य ] ओ०६८. रा० ७,७८,८०६. जी० ३१२९५,३५० नट्टविधि [नाट्यविधि ] १० ७६ नट्टविहि ! नाट्यविधि रा० ६३,६५,११८,२८१ नट्टसज्ज [नाट्यसज्ज] रा० ६६,७० न? [नष्ट] रा० २८१ नक [नट] ओ० १,२ नहपेच्छा [नटप्रेक्षा] ओ० १०२,१२५ नत्तुय [नप्त] रा० ७५०,७५२ निद [नद्]-नदंति. जी० ३१४४७ नदी नदी] जी. ३१८४१ नपुंसग [नपुंसक] जी ० २।६६ से ११६, १२०, १२१,१२३,१२५ से १२६,१३२ से १३८, १४० से १५० नपुंसगलिगसिद्ध [नपुंसकलिङ्गसि] जी० ११८ नपुंसगवेद [नपुंसकवेद] जी० २११३६, १४०; ६।१२४,१२८ नपुंसगवेदग [नपुंसकवेदक] जी० ६।१३० नपुंसगवेय [नपुंसकवेद] जी० ११६६,१३६ नपुंसगवेयम [ नपुसकवेदक] जी० ६।१२१ नपुंसय [नपुंसक] जी० २।११७ से ११६, १२२ । से १२४ निमंस [नमस्य -नमसइ. रा० ७१४ नमसंति. रा०१०--नमंसति. रा० १२० -नमंसह. रा०७३--नमंसिज्जाह. रा० ७०६--नमंसिस्संति. रा०७०४ नमसण [ नमस्यन] रा० ६८७ नमंसणिज्ज नमस्यनीय] ओ० २ नमंसित्तए नमस्यितुम् ] रा०६ नमंसित्ता [नमस्यित्वा ] ओ० ६६. रा० १०. जी० ३१४७१ नमियनमित] रा०२२८. जी. ३१६७२ नमो नमस्] रा०८ नय [नय] ओ० २५. रा० ६८६ निय [नद्]—नयंति. रा०२८१ नयण नयन ओ० १,१५,६६. रा० २२८. जी० ३१५६६ नयरो नगरी] ओ० १,१६,६९. रा० १,२,८, ६,१५,५६,६७७ से ६७६,६५३,६८६ से ६८६,७५०,७५२ नर [नर] ओ० ५,८,६४,६६. रा० १७,१८,२०, ३२,३७,१४१,१७३,१६२. जी० ३।२६६, २७४,३००,५६७ भर (कंता) [नरकान्ता] रा० २७६ नरक [नरक] जी० ३६६ नरकंठ | नरकष्ठ] रा० १५५,२५८. जी० ३१३२८ नरकंठग [नरकण्ठक] जी० ३।४१६ नरकंता [नरकान्ता] जी० ३.४४५ नरग [नरक ] ओ० ७१. जी० ३।८६,१२७ नरपवर [नरप्रवर ] रा० ६७१ नरय [नरक] रा० ७५०,७५१. जी०३१८३, ___ ८७,११६,१२६२ नरयपाल [नरकपाल रा० ७५१ नरयावास [नरकावाम] जी० ३१७७,१२७ नरवइ निरपति] ओ०१ नरवसभ [नरवृषभ ] जी० ३११२६११ नरिंद नरेन्द्र ] ओ० २१,५४ नलवण [नलवन ] ओ० २६ नलिण [नलिन] ओ०१२,१५०. रा. १७४, ८११. जी० ३१५६५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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