Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 527
________________ निव्वुइकर तोपज्जत्त निव्बुडकर [ निर्वृतिकर ] रा० १७३. जी० ३:३०५, ६७२ निव्वुतिकर [ निर्वृतिकर | रा ३०,१३५ निसरण [ निषण्ण ] ओ० ११७. रा० ७६६. जी० ३१८९६ निसन्न [ निषण्ण ] रा० २२५ निसम्म [ निशम्य ] रा० १३ निसामित्तए | निशमितुम् ] रा० ७७५ निसिय [ निशित ] रा० २४६ / निसिर [ नि + सृज् ] निशिरंति. रा० १०--- निसिरति रा० ६५-निसिरेइ रा० ७६४ निसित्तिए [ निसटुम् ] रा० ७५८ freisत्ता [ निषद्य ] औ० २१ निलोदण [ निषीदन] ओ० ४० निसीय [नि + षद् ] – निसीयइ ओ० २१-निसीयंति रा० ४८ - निसीयह. रा० ७५३ निसोहिया [निषीधिका, नैषेधिकी ] रा० १३१, १३५ निस्सकिय [ निःशङ्कित ] ओ० ५२. रा० ६८७, ६८६ निस्सास [ निःश्वास ] रा० ७६६,८१६ निस्सील [ निःशील ] रा० ६७६ निस्सेयस [ निःश्रेयस ] ओ० ५२. रा० २७६,६८७ निहट्टु [ निहृत्य ] रा० ८ निह [ निहत ] ओ० १४. ० ६७१ नीर [नीरजस् ] ओ० १२, १८३, १८४ नील नील | ओ० ४, १२. रा० २२, १२८, १७०, ६६४, ७०३. जी० १ ५, ५०, ३१२२,४५, २७३,२६०, १०७५, १०७६ नीलच्छाय | नीलच्छाय ] ओ० ४. रा० १७०, १७३. बी० ३।२७३ नीललेस | नीललेश्य | जी० ६११६३ नोललेसा (नीलया । जी० २६६,१०० नीललेस्स | नीललेश्य | जी० ६.१५५,१९६ नीललेस्सा [नीललेश्या ] जी० १४२१ Jain Education International नीलवंत [नीलवत् ] जी० ३१४४५,६३२,६५७,६५६ ६६८, ७६५ नवंत [नीलवद्द्रह ] जी० ३६३६,६४०, ६४२ ६५ से ६६१,६६६ नीलवंता | नीलवती ] जी० ३३६५६ नीलुप्पल [नीलोत्पल] ओ० १३. ० २६ नीलोभास [नीलावभास ] ओ० ४. रा० १७०, ७०३. जी० ३।२७३ नोव | नीप ] जी० ३।३८८ नीसास | निःश्वास ] रा० २८५,७७२. जी० ३५६८ ६६५ नीहार [नीहार] रा० ७७२ नृणं [ नूनम् ] जी० ३६८२ नेम [म] रा० १७५, १६० जी० ३।२६४,२८७, ३०० नेयव्व | नेतव्य ] जी० २।१५० ३१३०६ des [ नैरयिक] रा० ७५१. जी० ११५१,५४, ६१,८२,८७,६२,६६, १०१,११६, १२१, १२३, १२८,१३६, २६६, १००, १०८, १२७, १३४, १३५,१३६, १४८, १४९, ३१,२,७७,६८,६३, ६५,६६,६८,१०३,१०६ से ११२,११८,११६, १२१ से १२३,१२८, १२६१४, ६, ७, ८, १५५, १५३ १६२; ६१,७,१२; ७११ से ३, १६, २२; २१०,२१३,२२० नेरइयत्त [नैरयिकत्व ] जी० ३११२७ नेल [नैल] ओ० १६ सज्जिय [धिक ] ओ० ३६ नेहाणुराग [ स्नेहानुराग ] जी० ३।६१३ तो तो | रा० ६२. जी० ११२४ नोपज्जत | अपर्याप्तक | जी० ६८८६४ नोअपरित | तोपरी ] जी० २२७५,८६,८७ atra सिद्धिय [ नोभवसिद्धिक | जी० ६ १०६ नोअसण्ण | नोअसंज्ञिन् ] जी० १/१३३; ६।१०१, १०४,१०८ नोइंद्रिय [नोइन्द्रिय | जी० १११३३ नोपज्जत [नोपर्याप्त ] जी हा For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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