Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 506
________________ ६४४ तारावलिपविभत्ति-तिय ४४५ तारावलिपविभत्ति [तारावलिप्रविभक्ति] रा ० ८५ तिगिन्छिदह [तिगिच्छिद्रह ] जी० ३१४४५ ताराविमाण [ तारा विमान] जी० २:१८,४४ तिगुण [त्रिगुण ] जी० २११५१३३१०१० से ३।१००६,१०१४,१०१६,१०३५ ताल [नाल] ओ० ६,१०,६८. रा०७,७६,७७, तिगुणिय [ त्रिगुणित] जी० ३१८३८१२४ १७३. जी० ११७२३।२८५,३५०,३८८, तिघरंतरिय [त्रिगृहान्तरिक] ओ० १५८ ५६३,५८८,८४२,८४५,१०२५ तिण [इदम् | रा० ७५१. जी. ३१२७८ Vताल ताडय) ---तालेज्जा. रा० ७५५ तिणिस [तिनिश] ओ० ६४. रा० १७३,६८१ तालण | ताडन ] ओ० १६१,१६३ तिण्ण [तीर्ण ] ओ० १६,२१,५४. रा० ८,२६२. तालणा [ताडना | ओ० १५४,१६५,१६६ जी० ३१४५७ तालायर [तालाचर] ओ०१ लित्त | तस्तओ० १६५।१८,१६.जी० ३११०६ तालिज्जत ताड्यान रा० ७७ तित तिक्त जी० १.५, ५०; ३।२२ तालियंत [तालवृन्त ओ० ६७ तित्थ [तीर्थ ] रा० १७४,२७६. जो० ३२८६, तालु [तालु] ओ० १६,४७. जी०३१५९६,५६७ तालुय तालुक] रा० २५४ जी० ३,४१५ तित्थगर [तीर्थकर ओ०१६,२१,५२,५४. रा०८, ताव [तावत् ] ओ० ७६. रा० ७५१. जी० २१८१ २९२. जी० ३,४५७ ताव [तापय –तावे इ. जी. ३१३२७ -ताति. तित्यगरसिद्ध तीर्थकरसिद्ध] जी० १८ रा० १५४ जी० ३१३२७–तावेति. रा० तित्थगराभिमुह [ तीर्थकराभिमुख ओ० २१,५४ १५४ जी० ३७४१ तित्थयर तीर्थकर ओ० ६९,७०. रा०८ तावइय [तावत् ] रा० १२६. जी० ३१३७३ तित्थयराभिमुह [ तीर्थकराभिमुख ] स० ८,६८ तावं [तावत् ] जी० ३१८४१ तित्यसिद्ध | तीर्थ सिद्ध] जी० ११८ तावक्खेत [तापक्षेत्र] जी० ३१८३८।१४,१५,८४२, तिस्थाभिसेय [तीर्थाभिषेक ] ओ०१८ तित्थोदग [तीर्थोदक] रा० २७६. जी. ३१४४५ तावतिय [तावत् ] रा० २१०,२१२ जो ३१३००, तिदंडय [त्रिदण्डक] ओ०११७ ३५४,६४७, ८८५ तिपडोगार [त्रिप्रत्यावतार, त्रिपदावतार] जी० तावस [तापस ] ओ०१४ ताविय [तापयित्वा | जी० ३:११८ तिपडोया [त्रिप्रत्यावतार, त्रिपदावतार जी० ताहे [तदा | जी० ३.८४३ ३१६३६ ६३८,६५० ति [त्रि] ओ० ७७. २१० ७. जी० १११७ तिप्पणयार | तेपन, तेवन | ओ० ४३ ति [इति ] रा० ७०३ तिभाग | त्रिभाग ओ० १९५४ से ६,८ जी० तिक्युत्तो त्रिम ] ओ० २१,४७,५२,५४,६६,७०,७८, ३३४ से ३६,४०,४१,४४,४६,७२५,७२८, ८०,८१,८३.रा०८ से १०,१२,से १४,५६,५८, ७२६,८७६ ६५,७३,७४,११८,१२०,२६२,६८७.६९२, तिमासपरियाय [त्रिमासपर्याय ] ओ० २३ ६६५,७००,७१६,७१८,७७८. जी. ३४५७ तिमिर तिमिर जी० ३१५८६ तिग त्रिक] ओ० १,५२ तिय [यिक] ओ० ५५. ० ६५४,६५५,६८७, तिगिच्छि [तिगिच्छि] रा० २७६ ७१२. जी. ३१५५४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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