Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 493
________________ जुत्तपालिय-जोतिस जुतपालिय [ युक्तपालिक] रा० ६६४ नृतय [युक्तक ] रा० ७७६ जुत्तामेव [ युक्तमेव ] रा० ७०६ जुति [ युक्ति ] ओ० ६७ जुद्ध [ युद्ध ] ओ० १४६. रा० ८०६. जी० ३३६३१ जुद्धबुद्ध [ युद्धयुद्ध ] रा० ८०६ जुद्धसज्ज [ युद्धसज्ज ] ओ० ५७,६४. रा० ६८२, ६६१. जी० ३२८५. जुद्धा जुम्ह [ युष्मत् ] To & जुयल [भुगल ] ओ० १२,५७ १० १२, १७, १८, २०,३२,१२६,१३३,२८५.२६१, ७५८,७५६. जी० ३।११८,२८८, २६१,३००,३०३, ३७२, _४५१,४५९,५६७ जुयलग [ युगलक ] जी० ३१६३० जुवइ [ युवति] खो० १ [ युद्धातियुद्ध ] ओ० १४६ जुवराय [ युवराज ] रा० ६७४. जी० ३६०६ जुलिय [ युगलित ] ओ० ५,८,१०. २१० १४५. जी० ३१२६८,२७४ जूहिया मंडवय | यूथिकामण्डपक ] रा० १८५ जे [ ज्येष्ठ ] ओ० ८२. रा० ६७३, ६७५ जेट्ठामूल [जष्ठाभूल ओ० ११५ जेणामेव [ यत्रेव ] रा० ७५४. जी० ३१४४३ जोइ [ ज्योतिस् ] 1० ७५७,७६५, ७७२ Jain Education International जोभायण [ ज्योतिर्भाजन ] रा० ७६५ जोइस [ ज्योति, ज्योतिष ] ओ० ५०. रा० ५६. जी० ३१८३८१२ जुवाण [ युवन् ] रा० १२,७५८, ७५६. जी० ३।११८ जोणि [ योनि ] ओ० १६५ जूय [ द्यूत ] ओ० १४६. रा० ८०६ जूयय [ यूपक] जी० ३ ७२३ ज्या [ यूका ] जी० ३३७८६ जूद [ यूप ] जी० ३१५६७ जूवय | यूपक ] जी० ३६२६ जूवा [ यूका | जी० ३६२४ जूहिया | यूथिका ] 1० ३० जी० ३।२८३ जूहियागुम्म | यूथिका गुल्म ] जी० ३१५८० जूहिया मंडव | यूकामण्डपक] रा० १८४. जी० ३:२६६ जोइसामयण [ ज्योतिषायण ] ओ० ६७ जोइसिणी [ ज्योतिषी ] जी० २१७१,७२,१४८ जोइसिय [ ज्योतिष्क, ज्योतिषिक ] ओ० ५०,९४. रा० ११. जी० १११३५ २३१५, १८, ३६ से ४४,७१७२,६६, ३।२३०, ८३८।२१,६१७ जोईरस [ ज्योतीरस] २० १०, १२,१८, ६५, १६५, २७६ जोईरसमय [ ज्योतीरसमय ] रा० १३०,१६० जोता [ योजयित्वा ] ओ० ५६ जोग | योग ] ओ० ११७. रा० ८१५. जी० १ ३४, ६,१०१,११६,१२८, १३६; ३११२७, १६०, ७०३, ७२२, ५०६, ८२०, ८३०, ८३४,६३७, ८३८११०,३२ जोगनिरोह [ योगनिरोध ] ओ० १८२ जोडिलीया [ योगप्रति संलीनता ] ओ० ३६ जोगि [ योगिन् ] ओ० ६६ जोग्ग [ योग्य ] ओ० ६३. रा० ६, १२,४७ ६३१ [ योनिमुख ] जी० १२५८,७३,७८, ८१ जोणिया [ योनिका ] ओ० ७०. रा० ८०४ जोणिसंग्रह [ योनिसंग्रह ] जी० ३६१४७ जोसिल [ योनिशूल ] जी० ३।६२८ [ योनिमुख ] जी० ३३१६० से १६२, १६६ से १६६, १७१, १७४, ६६६, ६६८ जगह [ योनिसङ्ग्रह ] जी० ३ १६०, १६१, १६३ जोह [ ज्योत्स्न ] जी० ३१८३८१६, २० जोति [ ज्योतिस् ] रा० ७६५ जोतिभायण [ ज्योतिर्भाजन ] रा० ७६५ जोतिरस | ज्योतीरस ] जी० ३१७ जोतिरसमय [ ज्योतीरसमय ] जी० ३१२६४, ३०० जोतिस [ ज्योतिस् ज्योतिष ] जी० ३३८५८,८६१, For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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