Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text ________________
६२०
चरमतयचरणनिबद्ध [ चरमतपश्चरणनिबद्ध ] रा० ११३ चरमतिस्तनिबद्ध [ चरमतीर्थप्रवर्तन निबद्ध ]
रा० ११३
ataforefros [ चरमनिष्क्रमणनिबद्ध ]
रा० ११३
चरमनिदाघकाल [ चरमनिदाघकाल ]
जी० ३१११८, ११६ चरमनिबद्ध [ चरमनिबद्ध ] रा० ११३ चरमपरिनिव्वाणनिबद्ध | चरमपरिनिर्वाणनिबद्ध )
रा० ११३
चरमपुष्वभवनिबद्ध [ चरमपूर्व भवनिबद्ध ] रा० ११३ चरमबालभावनिबद्ध [चरमबालभावनिवद्ध ]
रा० ११३
चरमसाहरणनिबद्ध | चरमसंहरणनिबद्ध | रा० ११३ चरमाण [ चरत् ] ओ० १६, २०, ५२, ५३. २० ६८६, ६८७, ७०६, ७११, ७१३ aft [ चरित्र ] रा० ६८६, ८१४ चरितविणय | चरित्रविनय | ओ०४० चरितसंपण्ण [ चरित्र सम्पन्न | ओ० २५. रा० ६८६ चरिम | चरम ] ओ० ११७, १५४, १९२, १९५१३.
रा० ६२, ७६६, ८१६. जी० ६१६३, ६४,६६ चरिमंत | चरमान्त | जी० ३।३३, ३४, ३७, ३८, ६० से ६८,२१७,२१६ से २२५, २२७,६३२, ६३. ६६६, ११११
चरिमभव [ चरमभव ] ओ० १६५४४ चरिममोहणिज्ज [ चरममोहनीय] ओ० ८६ aft [ चरित] ओ० ४६
चरिया [ चरिका ] ओ० १, १६०. रा० ६५४, ६५५. जी० ३।५५४, ५६४
रियल सामण्ण [ चर्यालिङ्गसामान्य ] ओ० १६० चर [ चरु ] ओ० १११ से ११३, १३७, १३८ √ चल [ चल् ] - चलइ. रा० ७७१ -- चलति. जी० ३७२६ -- चाले. रा० ७७१ चलंत [ चलत् ] ओ०५, ८, ४६. ० ७७१
Jain Education International
चरमतवचरण निबद्ध - चामर
जी० ३।२७४
चलण [ चरण ] ओ० १६. जी० ३।५६६, ५६७ चलणमालिया । चरणमालिका ] जी० ३।५९३ चलणी | चलनी । जी० ३।६२३ चलिय | चलित ] रा० १७, १८, २० √चव [ च्यु ] -- चवति जी० ३१८४३ चवण [ च्यवन ] रा० ८१५. जी० १११४ चबल [ चपल ] ओ० २१,४६, ४६, ५४.०८, १०, १२ १५, ३२, ५६, १७६, ७१४. जी० ३३८६, १७६, १७८, १८०, १८२, ४४५ चवलायत [ चलायमान ] जी० ३१५६७ चवलिय [ चलित ] जी० ३१५८७ चसग [ चपक] जी० ३।५८७ art [ त्यागिन् ] ओ० १६४
चाउवकोण | चतुष्कोण ] रा० १७४. जी० ३३११८, ११६, २८६
चाउरघंट [ चतुर्घण्ट ] रा० ६८१ से ६६३, ६८५, ६९० से ६६२, ६६७, ७०६, ७१०, ७१४, ७१६, ७२२, ७२४, ७२६ चाज्जाता | चतुजतक ] जी० ३१८७८ चायाम [ चातुर्याम ] रा० ६६३,७१७,७७६ चाउज्जामिय | चातुर्यामिक ] रा० ६६५, ६६६ चात्थगाहिय | चातुकाहिक ] जी० ३२६२८ चाउस [ चतुर्दश | T० ७७४
उसी [ चतुर्दशी | ओ० १६२. रा० ६६८, ७५२,७८६
चार भाइया | चातुर्मागिका ] २१० ७७२ चाउमासिय[ चानुमनिक ] जी० ३।९१७ चाउरंगणी [ चतुरङ्गिणी] ओ० ५५ से ५७,६२,
६५
चाउरंत | चतुरन्त | ओ० १६,२१,५४. रा०८, १५४,२९२. जी० ३ ३२७, ४५७, ६०२,८६६, ६५६
चाउरक्क [ चातुरक्य ] जी० ३।६०१,८६६ चाडुकर [ चाटुकर] ओ०६४ चामर [ चामर] ओ० १२,१६,६३ से ६५.
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639