Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 463
________________ किन्नर-कुंभिक्क ६०१ किन्नर [किन्नर] ओ० १२०,१६२. रा० १७, कुंडधारपडिमा [कुण्डधारप्रतिमा] रा० २५७ १८, २०, ३२, ३७, १२६, १४१, १७३,१६२. जी० ३१४१८ जी० ३।३११ कुंडल [कुण्डल ] ओ० १५, २१, ४७, ४६, ५१, किन्नरकंठ [किन्नरकण्ठ ] रा० १५५, २५८ ५४, ६३, ६५, ७२, १०८, १३१. ग०८, किमंग [किमङ्ग] ओ० ५२. रा०६८७ २८५, ६७२, ७१४. जी० ३३४५१, ५६३, किमि [कृमि ] जी० ३१८४ किमिकुंभी [कृमिकुम्भी] रा० ७५६ कुंडलभद्द [कुण्डलभद्र | जी० ३१६३३ किमिय [कृमिक] जी० ३।१११ कुंडलमहाभद्द [कुण्डलमहाभद्र | जी० ३१६३३ किमिराग ] कृमिराग] रा० २७. जी० ३।२८० कुंडलमहावर [ कुण्डलमहावर] जी० ३।६३३ किर [किल ] जी० ३११२६०१ कुंडलवर कुण्डलवर जी० ३।६३३ किरण [किरण] ओ० १६. जी० ३१५६०,५९६, कुंडलवरभद्द [कुण्डलवरभद्र ] जी० ३।९३३ कुंडलवरमहाभद्द [कुण्डलवरमहाभद्र | जी० ३६३३ किरिया [क्रिया] ओ०४०,१२०,१६२. रा०६६८, कुंडलवरोभास कुण्डलवरावभास / जी०३९३३ __७५२, ७८६. जी० ३।२१०,२११ कुंडलबरोभासमहावर | कुण्डलांवरावभासमहावर किलंत [क्लान्त] जी० ३११८, ११६ __ जी० ३६३३ किलाम [क्लम] रा० ७२६, ७३१, ७३२ कंडलवरोभासवर [कुण्डलवरावभासवर | जी० ३१९३३ किलेस [क्लेश] ओ० ४६ किग्विसिय [किल्विषिक] ओ० ६८ इंडिया [कुण्डिका] ओ०.११७ किसलय [किसलय] ओ० ५, ८. रा० १३६, कुंडियालंछणय [कुण्डिकालाञ्ण क | रा०.७६७ __ जी० ३।२७४, ३०६ कुंत कुन्त | ओ०.६४. जी० ३।११० किसि कृषि] जी० ३।६०७ कुंतरंग [कुन्तान] जी० ३.८५ किसिय [कृशित ] रा० ७६०, ७६१ कुंतग्गाह [कुन्तग्राह] ओ०६४ कुंथु [कुन्थु] रा० ७७२. जी० ३,१११ कोड [क्रीड्]-कीडति जी० ३।२६८ कुंद कुन्द ओ०१६. रा०२६, ३८, १६०,२२२, कोयगड [क्रीतकृत] ओ० १३४ २५५, २५६. जी० ३:२८२,३१२,३३३, कील क्रीड्]--कोलंति रा० १८५. जी० ३३२१७ ३८१, ४१६, ४१७, ५६६, ५६७, ८६४ कोलग कोलक] रा० २४. जी० ३।२७७ कुंदगुम्म [कुन्दगुल्म] जी० ३१५८० कोलण [क्रीडन] ओ०४६ कंदलया कुन्दलता] ओ० ११. रा० १४५,३.२६८, कोलिया [कीलिका] जी० ११११६ कुंकुम [कुङ कुम] ओ० ११०, १३३. रा० ३०. कुंदलयापविभत्ति | कुन्दल ताप्रविभक्ति] रा० १०१ जी० १२८३ कुंदुरुक्क [कुन्दुरुक] ओ० २, ५५. रा० ६, १२, कुंचस्सर [ कोञ्चस्वर] रा० १३५ ३२, १३२, २३६,२८१, २६२. जी० ३१३०२, कृषिय [कुञ्चित] ओ० १६. जी० ३।५६६,५६६ ३७२, ३६८, ४४७, ४५७ कुंजर कुञ्जर] ओ० १,१३, २७. रा० १७, १८, कुंभ [कुम्भ ] जी० ३।५६७ २०, ३२, ३७, १२६, ८१३. जी० ३।११८, कुंभारावाय [कुम्भकारापाक] जी० ३१११८ ११६,२८८, ३००, ३११, ३७२ कुंभिक्क[कौम्भिक, कुम्भार] रा० ४०. जी० ३३१३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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