Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 451
________________ एतविक एव reefores [ एकत्रवितर्क ] ओ० ४३ गाहा [ एकत्वानुप्रेक्षा ] ओ० ४३ एगत्तिभावकरण [ एकत्वीभावकरण | ओ० ६६,७० एमसीभावकरण | एकली भावकरण | रा० ७७८ एगदंत | एकदन्त | जी० ३१५६६ एग दिसा [ए [दिशा]] रा० ६०० एगपदेसिय | एकप्रादेशिक] जी० ३१७२३,७२६ एगभूय | एक भूत् । ० ११६ एगमेग [ एकैक | रा० १२६,१६२ से १६४,१६१. जी० ३३१०६,२६५, ३५४, ३५५,६३२, ६६१, ७२३,७२६,१०१, १०००, १०२३ गराइया [ एकरात्रिकी ] ओ० २४ एगसद्धि [ एकuft ] जो० ३।११० एकसाडिय [ एकसाटिक | अ० २१,५४,६६. रा० ८,७१४,७७८ एगसालग | एकश लक ] जी० ३१५६४ एगसिद्ध | एक सिद्ध | जी० ११८ गागार | एकाकार ] जी० १११०६,११६; ३८ से ११,२१३,६५४ free [ काfभख | रा० ६८८ गावलि [ एकावलि ] यो० २४,१०८,१३१. रा० ६६,२८५. जी० ३।५६३ गावपिभित्ति [ एकाननिप्रविभक्ति | रा० ८५ एगाets | एकाशीति | जी० ३७०६ एगाह | एमट | जी० ३३२६,११८,११६ एगाहच्च [ एकाहत्य | रा० ७५१,७६७ गाहिय | एकाहिक | जी० ३३६२८ एगिदिय । एकेन्द्रिय ) जी० १५५ २११०१, १०२, ११०,१११,१२०,१२६,१३६,१३५,१४६, १४६, ३।१३० से १३५,१११५; ४१ से ३, ५, से ७,१०,११,१६,१६ से २२,२५; ६२ से ७, १६७,१६६,२२१,२२२,२२८,२३१ एगुणयाल | एकोनचत्वारिंशत् ] जी० ३२७६४ एगुणपण | एकोनपचाशत् । रा० ७१. जी० ११८ एगुणवीस | एकोनविंशति ] जी० ३।१०५३ एगुणासीति | एकोनाशीति | जी० ३॥२१८ Jain Education International गुरुsar [ एकोरुकिका ] जी० २०१२ गुरु [ एक ] जी० ३।२१६ से २२२,२२७ enerator [ एकterद्वीप ! जी० ३।२२२, २२७ एगोचालीस | एकोनचत्वा शत् | जी० ३१७६६ एगोणवीस | एकोनविंशति ] जी० ३११०५३ एगो [एकोदक ] जी० ३३७६५ rator [ एकोरुक | जी० ३ २१६,२१७,२२६ एगterata | storद्वीव ] जी० ३२१७,२१८ एज्जमाण | एजमान ] रा० ४०,१२३,१३२. जी० ३।२६५ √ एड [इल्.एड् ] ---एडेइ. रा० ७६५ – एडेंति. रा० १२- एडेड. रा० ६ एडिता [ एलित्वा एडित्वा ] ओ० ११७. रा० १२ एडा [ एलिया, एडित्वा ] रा० ६ एणी (एणी] आं० १६. जी० ३२५६६ एतारूव । एतद्रूप ] जी० ३२७८ से २८२,२८४, २८५, ३८७,४४२, ८६०, ८६६,८७२,८७६ एतो [ इतस् ! ओ० ३३ १० २६. जी० ३८४ एत्थ [अत्र ] ओ० १३. रा० ३. जी० ३।७७ एमहज्जुई | इयन्महद्युतिक | ० ६६६ महज्जुतीय यन्महृतिक ] जी० ३३५६५ एमहब्बल | इयन्महाबल | रा० ६६६. जी० ३१५६५ एमहाणुभाग | बन्नानुभाग | रा० ६६६. जी० ३।५६५,६४ ५८१ एमहायस (महापशस् ] रा० ६६६. जी० ३।५६५ एमहालत उन्मत् | जी० ३३८६, १७६,१७८ एमहालय | उदन्महत्] ० ७३२,७३७. जी० ३११५२,१०८० एमहासोक्खन्दास | रा० ६६६. जी० ३।५६५ महिडिय [महधिक | जी० ३।६३८ एमfest | कि० ६६६. जी० ३१५६५, ५६८,७०१,७६४ एमेव [ एवमेव ] जी० ३।२२६ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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