Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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ओणय-ओहस्सर
५६)
ओवइय [दे०] जी० ११८८ ओवणिहिय औपनिधिक, औपनिहितिक]
ओ० ३४ ओवम्म औपम्य ] ओ० १९५:१७. जी० ३.१२७१५ (ओवय [अव+पत्} —ओवयंति. रा० २८३. ___ जी० ३१४४७ ओवयमाण [अवपतत् ] रा० ५६ ओवहिय [ औपधिक ] ओ० १६१,१६३ ओवासंतर अवकाशान्तर] जी० ३.१३,१६,२१,
२६,२७,३०,३२,६५,६७,१७६,१७८,१८०,
१८२,१०६२ से १०६४ मोविय दे०] परिमित ओ० ६३. रा० १७,
१८,६९,७०. जी० ३२५६३ मिओवील अव+पोड्]- ओवीलेति.
जी० ३१७६५ ओस [दे० अवश्याय} जी० ११६५ ओसष्णकारण [अवसन्नकारण] जी० श५०,६५,
ओणय अवनत] ओ० ७० ओत्यय [अवस्तृक] ओ० ६३,६५ ओदन [ओदन] जी० ३।५६२
ओषार [अव+धारय]--ओधारेंति. रा० ७१३ 'ओभास [अव+भास्]--ओभास इ.
जी० ३१३२७-ओभासेइ. रा० ७७२। --ओभासेति. रा० १५४. जी० ३।३२७
---ओभासेति. रा० १५४.जी. ३७४१ ओभासमाण [अबभासमाण] जी० ३१२५६ ओभिज्जमाण [उद्भिद्यमान] रा० ३० ओमत्त [अवमत्व[ रा० ७६२,७६३ ओमुय [अव+मुच्]-ओमुयइ. ओ० २१.
रा० ७१४ ओमुइत्ता [अवमुच्य] ओ० २१ मोमोदरिया [अवमोदरिका] ओ० ३३ ओमोयरिया [अवमोदरिका] ओ० ३१ ओयंसि [ओजस्विन् ] ओ० २५. रा०६८६ मओयविय (दे०] ओ० १६,४७. रा० ३७,२४५.
जी० ३१३११,४०७,५६६ ओराल [दे० उदार] ओ० ५२. रा० ३०,१३२,
१३५,१७३, २३६,६८६. जी० ११७५,८३, १३६, ३१२६५,२८३,२८५,३०२,३०५,
७२६,७८५,७५६,८४१ ओरालिय औदारिक] ओ० १८२. जी० श१५,
५६,६४,७४,७६,८२,८५,१०१,११६,१२८,
१३० ओरालियमोसासरीर [औदारिकमिश्रकशरीर]
ओ० १७६ ओरालियसरीर औदारिकशरीर] ओ० १७६ ओरालियसरीरि [औदारिकशरीरिन् ।
जी० ६।१७०,१७१,१७६,१८१ ओरोह अवरोध ] ओ०१ ओलंबियग [अवलम्बितक] ओ०६० ओलित [दे० उपलिप्त] ओ० ५२. रा० ६८७ से
६८६
ओसणग [अवसन्नक] ओ०६० ओसण्णदोस [उत्सन्नदोष ओ० ४३ ओसप्पिणी [अवसर्पिणी] जी० ११३६,१४०;
२।१२०, ३१६०,१६५,८४१,१०८५; शम, ६.२३,२६, ६२३,४०,६७,२५७ ओसर अप+स] -- ओसरति. रा० २६२.
जी० ३।४५७ ओसरिता अपसृत्य रा० २६२. जी० ३.४५७ ओसह [ओषध ] ओ० १२०,१६२. रा० ६६८,
७५२,७५६ ओसहि ओषधि ] रा० १५२,२७६,२८०.
जी० ११६९; ३।३२५,४४५,४४६,४४८ ओसारिय | अवसारित) ओ० ५७। ओहबल [ओघबल] ओ०७१. रा०६१ ओहय | उपहत, अवहत ] ओ० १४. रा०६७१,
ओहस्सर [ओघस्वर] रा० १३५. जी० ३३०५,
५९८
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