Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 452
________________ एम्महिड्डीय [इयन्महधिक] जी० ३।६६४ एय [एतत् ] ओ० २१. रा०६३. जी. १११ एय [ए]--एयइ. रा० ७७१-एयंति. जी० ३७२६ एयंत एजमान] रा० ७७१ एयरव एतद्रूप] रा०६३,६५ एवारूव एतद्रूप] ओ० ३०,६२,१४४,१५८, १५६. रा० ६,१९,२०,२५ से ३१,३७,४५, १३५,१४६,१७३,१७५,१६०,२२८,२४५, २५४,२७०,२७५,२७६,६८८,७३२,७३७, ७३८,७४६,७५१,७६८,७७७,७६१,७६३, ८१६. जी० ३१८४,८५,११८,२६४,२७८ से २८३,२८५,२८७,३०५,३११,३२२,४०७, ४१५,४३५,४४१,५६७,६०१,६०२,६४३,६५४ एरणवत [ऐरण्यवत] जी० २।१४५ एरण्णवय [ऐरण्यवत] रा० २७६. जी० २६१३, ३१,५८,७०,७२ एरवत [ऐरवत] जी० रा६६,१३६,१४७,१४६ एरवय [ऐरवत] रा० २७६. जी० २०१४,२८, ५५,७०,७२,११५,१२३; ३१२२६,४४५,७६५ एरावणदह [ऐरावणद्रह] जी० ३१६६७ एरिस [ई दृश] ओ० ७६ से ८१ एरिसग [ईदृशक] जी० ३।१०६ एल [एड] जी० ३।६१८ एला [एला] रा० ३०,१६१,२५८,२७६. जी० ३१२८३,३३४,४१६ एलिगा | एडिका जी० ३१६१६ एलुय [एलुक] रा० १३०. जी०३१३०० एव [एव] रा० १० एवइय [एतावत् ] जी० ३११८२,८३८।२,३ एवं | एवम् | ओ० २०. रा०८. जी० ११० एवंभूत | एवंभूत ! जी० ३।२८५ एवतिय (एतावत् ] जी० ३१७६,१७८,१८०, १७२,६७३ एवमेव [एवमेव रा० ७०३. जी० ३.१७४ एम्महिड्डीय-ओमित्ता एवामेव [एवमेव] ओ० १५०. रा० १२. जी० ३.११८ एसणासमिय [एषणासमित] ओ० २७,१५२,१६४. रा० ८१३ एसणिज्ज एषणीय] ओ० ३७,१२०,१६२. रा०६६८,७५२,७७६,७८६ एसुहुम [ इयत्सूक्ष्म ] जी० ३।६९३,९९७ ओ ओइम [अवतीर्ण] ओ० ५१ ओगाढ [अवगाढ] रा० ६८४,६८५,७००,७०६. जी०१३३, ४२,४३,५०, ३१२२ योगाह [अव+गाह.]--ओगाहइ. जी० ३।११८-ओगाहति. जी. ३११९ –ओगाहेंति. ओ० ११७ मोगाहणा [अवगाहना] ओ० १९५४ से ८. रा०७६६. जी० १११४,१६,७४,८६,८८, ९०,६४,१०३,१११,११२,११६,११६,१२१, १२३ से १२५,१३०,१३५, ३३९१,२३६, ४३९,६६९,१०८७,१०८६ ओगाहित्तए [अवगाहितुम् ] ओ० ६६ मोगाहित्ता [अवगाह्य ] ओ० ११७. जी० ३७७ ओगाहेत्ता [अवगाह्य ] ओ० ११७. रा० २४० ओपिहित्ता [अवगृह्य ] ओ० २१. रा. ८ ओग्गह | अवग्रह] ओ० २१,२२,५२. रा०८,६, ६८६,६८७६८६,७०६,७११,७१३ ओरिगह [अव+ग्रह.]--ओरिगण्हइ. रा०६८६ ओघ [ओघ] रा० १३,१४ ओचूल [अवचूल ] ओ० ५७ ओच्छण्ण [अवच्छन्न ] ओ०६ ओच्छन्न [अवच्छन्न ओ० ६. जी० ३१२७५ ओ? [ओष्ठ] ओ० १६,४७. रा० २५४. जी० ३१४१५,५६६,५९७,८६० ओछिपणग [ओष्ठछिन्नक] ओ०१० ओणम [अव+ नम्] -ओणमंति. रा० ७५ ओमित्ता [अवनम्य] रा० ७५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639