Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 420
________________ १५८ अबकविठ्ठ-अपच्छिम ६४४,६४६,६५२,६५३,६५५,६७२ से ६७४, ६७६,६८३,६८५,७०६,७०८,७११,७२७, ७३२,७३७,७५६,७५८,८००,८१४,८२५, ८५१,६३६,६४४,१०१२ से १०१४,१०२८, १०३०.१०३२,१०३३,१०७४,११२४ अद्धकविट्ट [अधकपित्थ! जी० ३.१००८ अद्धकविट्ठक [अर्धकपित्थक ) जी० ३१२५७ अद्धकाय अर्धकाय | जी० ३।३२२ अडचंद अर्धचन्द्र ] रा० १२४,१३०,१३७. जी० ३।३००,३०७,५७७ अद्धच्छि [अर्धाक्षि] रा० १३३. जी० ३।३०३ अबछट्ट [अर्धषष्ठ] जी० ३।४३ अट्टम [अर्धाष्टम] ओ० १४३. रा०८०१. जी० ३।३६३,४०१,६३२ अवट्ठारस [अर्धाष्टादशन् ] जी० ३.१०५२ अवणवम अर्धनवम] जी० ३३१०४६ अद्धतेरस [अर्धत्रयोदशन् ] ओ० ५४. रा० १२६, १७०. जी० ३११६६,३५२, ३७२,३७४,३७६, ३६५,४१२,४२५,६६८ अखनवम |अर्धनवम] जी० ३।१०४६ अद्धनाराय [अर्धनाराच ] जी० ११११६ अवपंचम [अर्धपञ्चम] जी० २०३६ ; ३।४२,४७, २२,४०२,१०४६,१०४७ अक्षमागह | अर्धमागध ] जी० ३,५६४ अद्धमागहा अर्धमागधी ओ०७१ रा०६१ अद्धमास [अर्धमास] जी० ३३११८, १२६ अद्धमासपरियाय [अर्धभासपर्याय | ओ० २३ अद्धमासिय [अर्थमासिक ] ओ० ३२ अद्धसेलसुष्ट्रिय [अर्धशैलसुस्थित ] जी ० ३१५६४ अद्धसोलस [अर्धषोडशन् | जी० ३१३६८, ३६६, १०५१ अद्धाहार [अधंहार ओ० ५२,६३,१०८,१३१ रा० ४०,१३२,२८५,६८७, से ६८६. जी० ३१२६५,३०२,४५१,५६३ अद्धा [अद्धा, अध्वन् ] ओ० ११६,११७,१८२ से १८४,१६५।१४,१५,२२. रा०७६५,७७४ अद्धाज्य [अन्वायुष्क] जी० ३२१४ अबाढय अर्धाढक ओ० ११२,१३७ अद्धाण [अन् ओ० ६६,१२२ अद्धासमय (अध्वसमय | जी० ११४ अद्भुट्ट दि० जी० ३।१०७,२३७,२४२,२४३ अद्भुव [अत्रुव | ओ० २३ अद्धकूणणउति [ अधैंकोननवति | जी० ३१७५४ अद्धकोषणउइ [ अर्धे कोननवति | जी० ३७६२ अद्धकोणणवति | अधुकोननवति । जी० ३।७६८ अधष्ण [अधन्य ] रा० ७७४ अधम्म अधर्म ] रा० ६७१ अधम्मकेउ [अधर्म केतु] रा० ६७१ अधम्मक्खाइ [अधर्माख्याति ] रा० ६७१ अपम्मत्यिकाय [अधर्मास्तिकाय ] रा० ७७१. ___ जी० १४ अधम्मपलज्जण | अधर्मप्ररञ्जन] रा० ६७१ अधम्मपलोइ ! अधमप्रलोकिन् । रा०६७१ अधम्मसीलसमुयाचार अधर्मशीलसमुदाचार] रा० ६७१ अघम्माणय [अधर्मानुग] रा०६७१ अपम्भिय [आधर्मिक रा०६७१,७१८,७५०,७५१ अपम्मिट्ठ [अधमिष्ठ । ६७१ अधर अधर जी० ३।५६७ अघिय | अधिक ] जी० ३।३८७,८७८ अधे [अबस् ] जी० ३११११ अधेसत्तमा | अधःसप्तमी] जी० २११००,१०८, १२७,१३८,१४६, ३१२१,३८,४४,४६,४७, ५० से ५२,५४ से ५६,५८,५६,८३ से ५६,८८ से १०,६२,६६,१०२,१०४,१०७,१०६,११६, १२०,१२३,१२६ असत्तमो अधःसप्तमी] जी० ३१६६ अन्न अन्य रा०७ अन्नयिहि [अन्नविधि ] रा० ८०६ अपंडिय अपण्डित रा० ७३२,७३७,७६५ अपच्छिम [अपश्चिम ओ०७७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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