Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
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५६८
असरीर-अहापडिरूव असरीर [अशरीर] ओ० १८३,१८४,१६५।११. असुरहार [असुरद्वार] जी० ३८८५ रा० ७७१
असुरिंद असुरेन्द्र ] ओ० ४८. जी० ३१२३५ से असरीरि [अशरीरिन् ] जी० ६।६२,१७०,१७५, २३६,२४३ १८०,१८१
असुह [अशुभ] जी०३६२,१२६१० असहिज्ज [असाहाय्य] रा० ६६८,७५२,७८६ असोग [अशोक ओ०८,९,१२,१३. रा० ३,४, असहेज्ज [असाहाय्य ] ओ० १२०,१६२
१३३. जी० १७१; ३१३०३,६२७ असावज्ज [असावद्य] ओ० ४०
असोगलया [अशोकलता] ओ० ११. रा० १४५.. असासत [अशाश्वत ] जी० ३१५७,५६
जी० ३.२६८,५८४ असासय [अशाश्वत] रा० १६८,१६६. जी० ३१८७, असोगलयापविभत्ति [अशकलताप्रविभक्ति] २७०,२७१,७२४,७२७,१०८१
रा० १०१ असि [असि] मो० ६४. जी० ३६११०,६०७,६३१ असोगवडेंसय [अशोकावतंसक] रा० १२५ असिइ [अशीति] जी० ३१५
असोगवण [अशोकवन] रा० १७०. जी० ३।३५८ असिद्ध [असिद्ध] जो० ६६,११,१३,१४,१६,२६, असोय [अशोक रा० १८६. जी० ३३५६,५६०
असोयपल्लवपविभत्ति [अशोकपल्लवप्रविभक्ति] असिपत्त [असिपत्र] जी० ३१८५
रा० १०० असिय [असित] रा० १३३. जी० ३३०३ अस्स [अश्व ] जी० ३।७६३ असिलक्खण [असि लक्षण] ओ० १४६. रा ८०६ । अस्सकण्णि [अश्वकर्णी] जी० ११७३ असिलिट्ठ [अश्लिष्ट] रा० ७७४
अस्साद आस्वाद] जी० ३१९५८ असीत [अशीति] जी० ३१३५५
अस्साय [असात ] जी० ३३१२६५,१० असोति [अशीति] जी० ३३१७
अस्सुय [अश्रुत] ओ० ५२ असीय [अशीति ] रा० १६३. जी० ३।३३५ अह [अथ ] ओ० २२ असुइ [अशुचि] ओ० ६८,१४४, रा० ६,१२,७५३, अहसायचरितविणय | यथाख्यातचरित्रविनय] ८०२ जी० ३८४,६२२
ओ० ४० असुभ [अशुभ] रा० ७५३. जी० ११९५; ३७७,
अहत [अहत] जी० ३।४५१ ११६,१२६४
अहमिद [अहमिन्द्र] जी० ३११०५६,११२० असुभाणुप्पेहा [अशुभानुप्रेक्षा] ओ ४३
अहय [अहत ] ओ०६३. रा०७,२६१. जी० ३१४५७ असुय [अश्रुत] रा० १६
अहर [अधर ] ओ० १६,४७. जी० ३३५६६ असुर [असुर] मो० ६८,१२०,१६२. रा० २८२, अहव [अथवा] जी० ३।५९४
६६८,७५२,७७१,७८६,८१५. जी० ३।२३२, अहवा [अथवा जी० १११३३ ४४८,८८५
अहवणवेव [अथर्वणवेद] ओ० ६७ असुरकुमार [असुरकुमार] ओ० ४७. जी० २।१६, अहाणुपुथ्वी [ यथानुगूर्वी | ओ ६४. रा० ४६ से ३७, ३१२३३,२३४,२४०
५४,७७४ असुरकुमारराय [असुरकुमारराज] जी० ३।२३४ ।। अहा [अय] रा० ७२३ ___ से २३६.२४३
अहापडिरूव [ यथाप्रतिरूप] ओ० २१,२२,५२. असुरकुमारिद [असुरकुमारेन्द्र] जी० ३।२३४ रा० ८,६,६८६,६८७,६८६,७०६,७११,७१३
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