Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Jivajivabhigame Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati
________________
अहापरिग्गहिय-आइय
अहापरिग्गहिय [ यथापरिगृहीत] ओ० १२० अहाबायर [ यथाबादर] रा० १०,१२,१८,६५,
२७६. जी० ३।४४५ अहाह [पथासुख) रा०६६५,७७५ अहासुहम यथासूक्ष्म] रा० १०,१२,१८,६५,
२७६. जी० ३१४४५ अहि [अहि] जी० १११०५.१०६,१०८;
३१८४,६५,६२५,६३१ अहिगय [अभिगत] रा० ६८८ अहिगरण [अधिकरण] ओ० १२०,१६२.
रा० ६६८,७५२,७८६ अहिय [अधिक] ओ० ५७,६३ रा०७०, १३३,
२३८. जी० २११५१; ३३२२६६२,५,३०३, ६७२,११२२, ७.१६,१८, ६।४,२४४,२४६,
२८०,२८२,११२२ अहिययर [अधिकतर रा० १३३. जी० ३।३०३,
११२२ अहियास [अधि+ आस्, सह |-अहियासिज्जति
ओ० १५४. रा० ८१६ अहिलाण [अमिलान] ओ० ६४ अही [अही] जी० २१८ अहीण [अहीन] ओ० १५,१४३.रा० ६७२,६७३
८०१ अहणा [अधुना] जी० ३१४४८ अहुणोववण्ण [अधुनोपपन्न ] रा० ७५१,७५३ अहणोक्यपणमित्तय [अधुनोपपन्नमात्रक
रा० २७४ अहणोववण्णय [अधुनोपपन्नक] रा० ७५१,७५३,
७६७ अहे [अधस् ] ओ० १८६. रा० १३२ जी० ११४५ अहेसत्तमा [अधःसप्तमी] जी० ११६२,११६,
१२२ ; २।१३५,१४८,१४६ ; ३१११ से १३, २७,३२,४३,४७,४६,५३.७६,७७,७६,८०,८२, ८७, ६३ से ६५,६७,१०३,१०४,१०६,१०८, ११५.११७,१२१ से १२३,१२५,१२७,१२८
अहो [अहो] रा०६६६ अहोनिस [अहनिश] जी० ३।१२६८ अहोरत [अहोरात्र] ओ० २८ जी० ३८४१ अहोवहिय [आधोवधिक] रा० ७३३,७३४,७३६ अहोवाय [अधोवात] जी० १८१ अहोसिर [अधःशिरस् ] ओ० ४५,८२
आ आइ [आदि] ओ० २३,६३,६६. जी० १०१३३;
३।१०२७ आई [३०] रा० ७०५ आइक्स [आ+चक्ष,ख्या} - आइक्खइ ओ० ५२. रा० ६८७-आइक्खंति जी० ३।२१०आइक्खह ओ० ७६-आइक्खामि जी० ३१२११–आइक्खिस्सामो रा०७१६ -आइक्खेज्जा रा०७१५-आइक्खेज्जाह
रा० ७२० आइक्सग [आख्यायक] ओ० १,२ आइक्खगपेच्छा [आख्यायकप्रेक्षा] ओ० १०२,
१२५ आइक्खमाण [आचक्षाण,आख्यात् ] ओ०७६
से ८१ रा० ७२०,७३२ आइक्खित्तए [आचक्षितुम् ,आख्यातुम् ] ओ० ७६ आइगर [आदिकर] ओ० १६,२१,५२,५४
रा०८ आइच्च [आदित्य] जी० ३१८३८।४ आइज्ज आदेय ] ओ०१६ आइण [आजिन] रा० ३१ आइणग [आजिनक] जी० ३:४०७,५६५ आइग्ण [आकीर्ण ] ओ० १,१४,१६,६४.
रा० १७३,६७१,६७५,६८१,७७४.
जी० ३१२८५,६६५ आइपण [आचीर्ण ] रा० ११,५६ आइण्ण [दे० जात्यश्व जी० ३।५६६ आइय | आदिक] ओ० २३,१२०,१४६,१६२
जी० ३१२५६
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639