Book Title: Yog aur Sadhana
Author(s): Shyamdev Khandelval
Publisher: Bharti Pustak Mandir

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Achan अध्याय सूची अध्याय 1. मत्यु को स्वीकार करना ही सत्य को स्वीकार करना 2. साधना में सत्य का प्रभाव 3. मन से ही प्रेम और मन से ही भक्ति 4. भक्ति ही चैतन्यता का स्रोत 5. चेतन मन से अचेतन मन पर पहुँचने का फल ही सिद्धियाँ 6. त्रिगुणातीत अवस्था का बोध 7. गुरु वह है जो होश जगाये, जागृति लाये, मार्ग दिखाये 8. साधन से सिद्धियों की प्राप्ति 131 139 146 9. कुण्डलिनी का स्थान 10. जीव की संरचना 11. इड़ा-पिंपला और सुषमणा नाड़ियों का अस्तित्व तथा प्रभाव 12. सात चक्र " 13. कुण्डलिनी जागरण ही समाधि 14. समप्रज्ञात के चार भेदों के बाद असमप्रमात की झलक 15. साकार हमारा चिन्तन-निराकार हमारा मार्ग 179 185 212 220 16. साधकों के हितार्थ कुछ खास बातें 238 For Private And Personal Use Only

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