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संदेश
14, कृष्णा नगर गोल बाग रोड,
भरतपुर श्री श्यामदेव खण्डेलवाल द्वारा रचित "योग और साधना" आध्यात्मिक योग साधना का एक अत्यन्त उपयोगी ग्रन्थ है । सरल भाषा और सुबोध शैली में रचित यह ग्रन्थ सामान्य पाठकों एवं साधकों के लिए हित कर होगा। इसमें आसन आदि योग के बहिरंग साधनों का वर्णन नहीं है । यह ग्रन्थ योग के अन्तरंग साधनों को अधिक महत्व देता है।
ग्रन्थ की शैली सरल, सुगम और रोचक है । जहाँ कथाओं आदि के सम्पुट ने इस ग्रन्थ की रोचकता बढ़ा दी है वहीं उदाहरणों से विषय भी अधिक स्पष्ट होता है।
सद्गुरूओं के सत्संग से ही अध्यात्म-साधना का मार्ग प्रशस्त होता है तथा अनुभव में ही अध्यात्म का मर्म प्रकाशित होता है । लेखक को गुरू कृपा और अनुभव दोनों का ही सौभाग्य प्राप्त है, इस द्विगुणित सौभाग्य से यह ग्रन्थ दुगना मार्मिक उपयोगी और महत्वपूर्ण बन गया है ।
आशा है यह रोचक ग्रन्थ पाठकों में योग और अध्यात्म के प्रति रुचि जागरित करेगा।
डा० रामानन्द तिवारी
'भारतीनन्दन'
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