________________
२८/ तीर्थकर चरित्र
२७. तरुणीप्रतिकर्म २८. स्त्रीलक्षण
२९. पुरुषलक्षण
३०. हयलक्षण
३१. गजलक्षण ३२. गोलक्षण
३३. कुक्कुटलक्षण ३४. मेषलक्षण
३५. चक्रलक्षण
३६. छत्र- लक्षण
३७. दंडलक्षण
३८. असिलक्षण
३९. मणिलक्षण
४०. काकिणीलक्षण
४९. चर्मलक्षण
४२. चन्द्रचरित
४३. सूर्यचरित
४४. राहुचरि
४५. ग्रहचरित
४६. सोभाकर
४७. दुर्भा ४८. विद्यागत
४९. मंत्रगत
५०. रहस्यगत
५१. सभास
५२. चार
५३. प्रतिचार
५४. व्यूह ५५. प्रतिव्यूह
५६. स्कन्धावारमान
५७. नगरमान
५८. वस्तुमान
तरुणी की प्रसाधन कला । सामुद्रशास्त्रोक्त स्त्री लक्षण - विज्ञान | सामुद्रशास्त्रोक्त पुरुष लक्षण-विज्ञान । - सामुद्रशास्त्रोक्त अश्वलक्षण-विज्ञान । सामुद्रशास्त्रोक्त गज-लक्षण-विज्ञान । सामुद्रशास्त्रोक्त गोलक्षण विज्ञान | सामुद्रशास्त्रोक्त कुक्कुटलक्षण विज्ञान । सामुद्रशास्त्रोक्त मेषलक्षण विज्ञान। ज्योतिशास्त्रोक्त चक्रलक्षण | ज्योतिषशास्त्रोक्त छत्रलक्षण विज्ञान | ज्योतिषशास्त्रोक्त दंडलक्षण विज्ञान - ज्योतिषशास्त्रोक्त असिलक्षण विज्ञान | ज्योतिषशास्त्रोक्त मणिलक्षण विज्ञान | ज्योतिषशास्त्रोक्त काकिणीलक्षण विज्ञान । - ज्योतिषशास्त्रोक्त चर्मलक्षण विज्ञान | चन्द्रगति विज्ञान |
सूर्यचरित विज्ञान । राहुचरित विज्ञान | ग्रहचरित विज्ञान |
- सौभाग्य को जानने की कला ।
दुर्भाग्य को जानने की कला । रोहिणी - प्रज्ञप्ति आदि विद्या - विज्ञान | - मंत्र-विज्ञान |
-
-
-
-
गुप्त वस्तुओं को जानने की कला ।
- वस्तुओं को प्रत्यक्ष जानने की कला ।
-
ज्योतिष - चक्र का गतिविज्ञान |
-
- ग्रहों के प्रतिकूल गति का विज्ञान अथव चिकित्सा-विज्ञान |
व्यूह रचने की कला ।
- व्यूह के प्रतिव्यूह रचने की कला ।
- सैन्यसंस्थान - शास्त्र |
नगर शास्त्र ।
वास्तुशास्त्र ।
-