________________ मुनि सुमेरमल (लाडनूं) •जन्म: चैत्र शुक्ला 14, सं. 1989, लाडनूं (राज.) दीक्षा: माघ शुक्ला 7, स. 1998, सरदारशहर (राज.) (आचार्य श्री तुलसी द्वारा) अग्रगण्य : ज्येष्ठ कृष्णा 3, सं. 2010 भीनासर (राज०) अध्ययन: हिन्दी, संस्कृत व प्राकृत का गहन अध्ययन तेरापंथ के महान् तत्त्वज्ञ मुनि श्री घासीरामजी के सान्निध्य में आगमों का तलस्पर्शी अध्ययन दशवैकालिक, उत्तराध्ययन, आचारांग, दशाश्रुतस्कन्ध, नंदी, भ्रमविध्वंशनम् आदि सूत्र-ग्रंथ कंठस्थ लेखन : कथा साहित्य (प्रकाशित) : नैतिक कहानियां (भाग 1-2), परीलोक * बुद्धिलोक नीतिलोक * सत्यलोक प्रज्ञालोक दिव्यलोक नारीलोक * कर्मलोक * संस्कार सप्त व्यसन उपकार बुद्धि और वैभव चित्रकथा: * अखूट खजाना क्रांतिकारी आचार्य भिक्षु (भाग 1, 2, 3, 4, 5) अन्य साहित्य: भावना प्रबंध प्रबन्ध प्रभा (संपादित) तीर्थंकर चरित्र भक्तामर पद्यानुवाद स्वर साधना जय तत्त्व बोध तेरापंथ दिग्दर्शन 1984-85 0 तेरापंथ दिग्दर्शन 1985-86 तेरापंथ दिग्दर्शन 1986-87 तेरापंथ दिग्दर्शन 1987-88 मुनि सोहनलालजी जीवन-चरित्र साधना के शिखर पर * अवबोध अप्रकाशित * अट्ठ अणट्ठकरं * पोपट पुराण (भाग 1-4). तेरापंथ के सौ संत * थली प्रदेश में तेरापंथ स्वप्नलोक अन्य सैंकड़ों कथाएं विविध : * सफल कथाकार * कुशल व्याख्यानी दक्षिण भारत की प्रलंब यात्रा एवं कलकत्ता का पंचवर्षीय प्रभावी प्रवास . दो वैरागी किशोरों को दीक्षा प्रदान