Book Title: Ratnakar Pacchisi Ane Prachin Sazzayadi Sangraha
Author(s): Umedchand Raichand Master
Publisher: Umedchand Raichand Master
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विषय-सूची
२-६
मोहोदय का प्रभाव, मनुष्य पर्याय की सार्थकता पर जोर, आत्म-कल्याण के लिये रत्नत्रय का धारण करना, अर्थान्तर द्वारा मंगलाचरण ।
६-१७
१८-३५
संसार रूपी रोग का निदान-सम्यग्दर्शन, उपशमसम्यत्व, क्षायिक सम्यत्त्व, क्षायोपशमिक सम्यत्व की व्याख्याएँ, सम्यग्ज्ञान और सम्यक् चारित्र की व्यख्याएँ । ३ पद्य
द्रव्य की परिभाषा, गुण और पर्याय की व्याख्या, जीच, पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश और काल द्रव्य के विवेचन, सात ताव, जीव के साथ कर्म सन्तान का अनादि सम्बन्ध निरूपण, पात्रब, बन्ध, सवर, निरा और मोक्ष का विवेचन । ४ पद्य
श्रात्मा और शरीर का पृथक्त्व, हृदय और बुद्धि के । कार्य, नाना प्रमाणों द्वारा आत्मा की सिद्धि । ५ पद्य
शरीर और आत्मा के उपकार एवं अपकार, शरीर को आत्मा मान लेने का परिणाम, विषय भोगों से विरक्ति का उपदेश । ६ पद्य
श्रात्मा और शरीर इन दोनों के स्वरूप चिन्तन द्वारा भेद विज्ञान की प्राप्ति, शुद्ध आत्मा की अनुभूति का निरूपण ।
३५-४२
४२-४६
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