Book Title: Ratnakar Pacchisi Ane Prachin Sazzayadi Sangraha
Author(s): Umedchand Raichand Master
Publisher: Umedchand Raichand Master
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४१ पद्म
मानव प्रवृत्ति का बिश्लेषण |
४२ पद्य
४३ पद्य
४४ पद्य
दया के स्वरूप और उसके
दया, स्वदया, पर दया, स्वरूप दया, अनुबन्ध दया, व्यवहार दया और निश्चय दया का विवेचन ।
परमपद प्राप्ति के दोनों मार्गों का विवेचन |
करने का विधान |
४६ पद्य
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४७ पद्य
शुभोपयोग के कारणों का विवेचन ।
प्रत्येक कार्य के प्रारम्भ में भगवान की पूजा, अर्चा
४८ पद्य
भेद — द्रव्य दया, भाव
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जिन पूजा का माहात्म्य और उसकी आवश्यकता ।
४६ पद्य
४५ पद्य
आहार, अभय, भेषज और शास्त्र दान की आवश्यऔर उनके स्वरूप का विवेचन |
कता
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विविध दृष्ठियों द्वारा जीव के भोत्तत्व का विचार ।
५० पद्य
विचित्र कर्म विपाक का वर्णन ।
की महत्ता का विवेचन ।
मन्द कषाय, सन्तोष, समता और धैर्य
२०६-२१२
२१२--२१६
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पारंप
२१६-२१६
२१-२२२
२२२-२२५
२२५--२२८
२२८-२३१
२३२-२३४
જૂન
२३५--२३७
२३७-२४०