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है। महावीर का जन्मस्थान होने के कारण ही यहाँ सन् 1955 ई. में बिहार सरकार ने (स्व. साहू शान्तिप्रसाद जैन के आर्थिक सहयोग से) प्राकृत और जैनविद्या के उच्चतर अध्ययन-अनुसन्ध पान के निमित्त 'प्राकृत जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान, वैशाली' की स्थापना की थी। संस्थान के भवन तथा जन्मस्थान बासोकुण्ड में महावीर-स्मारक का शिलान्यास 23 अप्रैल 1956 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने किया था।
देश-विदेश के जैन-जैनेतर विद्वानों ने पिछले एक-डेढ़ सौ वर्षों में भगवान् महावीर के जन्म-स्थान के विषय में खूब विचार किया है। उनमें से कतिपय विद्वानों का स-सन्दर्भ उल्लेख यहाँ किया जा रहा है :विदेशी-विद्वान् 1. हर्मन जैकोबी, सेक्रेड ऑफ दि ईस्ट, जिल्द-22, ऑक्सफोर्ड, 1884; एवं भारत 1964,
प. 10-13 (जैनसूत्र, प्रथम भाग की भूमिका) तथा इन्साईक्लोपीडिया ऑफ रिलीजन
एण्ड एथिक्स, जिल्द 7, पृ. 466 2. डॉ. ए.एफ. रूडोल्स होर्नले, 'उवासगदसाओ' के अंग्रेजी-अनुवाद में, बिब्लियोथेका . इण्डिका सीरीज, कलकत्ता, 1888, फुट नोट 8, पृ. 3-5 3. डॉ. विसेन्ट ए. स्मिथ, जर्नल ऑफ दि रायल एशियटिक सोसायटी, 1902, पृ. 267
288 तथा इन्साईक्लोपीडिया ऑफ रिलीजन एण्ड एथिक्स, जिल्द 12, पृ. 567-68, सन्
1921 4. डॉ. टी. ब्लॉक, ‘एक्सकैवेसन्स एट बसाढ़' 'ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया' का
वार्षिक विवरण, सन् 1903-4, पृ. 81-122 5. श्रीमती सिंक्लेयर स्टेवेन्शन, दि हार्ट ऑफ जैनिज्म, ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी प्रेस,
1915, पृ. 21-22 6. डॉ. जाल चार्पेण्टियर, उपसाला विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज हिस्ट्री ऑफ इण्डिया, प्रथम
भारतीय संस्करण, एस. चांद एण्ड कम्पनी, दिल्ली, जिल्द 1, पृ. 140, सन् 1955 7. डॉ. डी.पी. स्पूनर, ऑर्कियालॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया का वार्षिक विवरण, सन् 1913___ 14, पृ. 98-185 8. जी.पी. मल्लाल शेखर, डिक्शनरी ऑफ पालि प्रोपर नेम्स, भाग 2, लन्दन, सन्
1938, पृ. 943 तथा भाग 1, पृ. 64 जैनेतर-विद्वान् 1. सुरेन्द्रनाथ दास गुप्त, ए हिस्ट्री ऑफ इण्डियन फिलॉसफी, वाल्यूम-1, कैम्ब्रिज, 1922,
पृ. 173 2. नन्दलाल डे, द ज्योग्राफिकल डिक्शनरी ऑफ एशिएण्ट एण्ड मेडिएवल इण्डिका
लंदन, 1927, पृ. 107
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