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वीणा शाही, मन्त्री सहकारिता विभाग, श्री वसावन प्रसाद भगत, मन्त्री गृह (कारा) विभाग एवं डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह सांसद ने अपने उद्गार व्यक्त किये एवं सभी प्रमुख वक्ताओं ने भगवान् महावीर की जन्मभूमि वैशाली बासोकुण्ड क्षेत्र के विकास में हो रहे विलम्ब के लिए दुःख प्रकट करते हुए जैन समाज से अनुरोध किया कि वे शीघ्रातिशीघ्र जन्मभूमि का विकास कर भगवान् महावीर के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धा अर्पित करें।
-श्री कैलाश चन्द जैन, पटना ** धर्म की व्याख्या पर भी विचार करेगी संविधान पीठ देश के प्रमुख विवादास्पद-मुद्दों में शामिल अल्पसंख्यकों के शैक्षिक संस्थान चलाने के अधिकार-संबंधी मामले की सुनवाई आज से सर्वोच्च-न्यायालय की 11 सदस्यीय संविधानपीठ ने शुरू कर दी है। मामले में अनुच्छेद 30(1) के तहत धर्म की व्याख्या, अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों की स्थापना के अधिकार और कौन-से संस्थान इस श्रेणी में आते हैं? — इन पहलुओं की पुनर्व्याख्या होगी। लगभग दो सौ याचिकाओं पर यह सुनवाई कल भी जारी रहेगी। - खंडपीठ में जस्टिस बी.एन. कृपाल, जस्टिस वी.एन. खरे, जस्टिस एस. राजेंद्र बाबू, जस्टिस सैय्यद शाह मोहम्मद कादरी, जस्टिस रुमा पाल, जस्टिस एस.एन. वरीआवा, जस्टिस के.जी. बालाकृष्णन, जस्टिस पी. वेंकटरामा रेड्डी, जस्टिस अशोक भान और जस्टिस अरिजीत पसायत शामिल हैं।
संविधान-पीठ के समक्ष आज जैन-समाज की ओर से वरिष्ठ-अधिवक्ता एफ.एफ. नारीमन और सुशील कुमार जैन ने अपना पक्ष रखना शुरू किया। जैन-समाज अल्पसंख्यक-समुदाय की श्रेणी में रखने की मांग कर रहा है। इस संविधानपीठ का गठन 1993 से लंबित मामले की सुनवाई के लिए किया गया है कि अनुच्छेद 30(1) में उल्लिखित धर्म की अभिव्यक्ति की क्या व्याख्या है? संविधान के अनुच्छेद 29 में प्रावधान है कि केवल अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को ही नहीं, वरन् देश के सभी नागरिकों को यह अधिकार है कि अपनी भाषा, लिपि और संस्कृति का संरक्षण कर सकें। परंतु अनुच्छेद 30 में अल्पसंख्यक-समुदाय के लोगों के लिए शैक्षिक- संस्थानों की स्थापना का विशेषाधिकार प्राप्त. है। याचिकाओं में मांग की गई है कि ऐसे शैक्षिक संस्थानों को अलग से मान्यता और अपनी पसंद के 50 प्रतिशत छात्रों के प्रवेश की अनुमति भी मिले। याचियों में दिल्ली के सेंट स्टीफंस कालेज' और मुंबई के सेंट जेवियर कालेज' भी शामिल हैं। ___संविधान-पीठ के सामने जो प्रश्न सुनवाई के लिए आने हैं, उनमें प्रमुख हैं- 1(ए) धार्मिक और भाषाई तौर पर अल्पसंख्यक संगठन क्या संबद्ध-राज्य में शैक्षिक-संस्थान खोल सकते हैं। तथा संबंद्ध-राज्य में ऐसे शैक्षिक संस्थान का दावा संविधान के अनुच्छेद 30(1) के तहत आता है।
1(बी) क्या यह कहना उचित होगा कि संबद्ध-राज्य में रह रहे अल्पसंख्यक ऐसे
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'प्राकृतविद्या-जनवरी-जून '2002 वैशालिक-महावीर-विशेषांक
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